छत्तीसगढ़जांजगीर चांपासक्ती

वन भूमि पर रास्ता निकालने के बाद रायगढ़ मिनरल्स पर लगा बगैर डायवर्सन कराएं कृषि भूमि में ही प्लांट लगाने का आरोप…

जांजगीर चांपा। बाराद्वार क्षेत्र के डूमरपारा में लग रहे रायगढ़ मिनरल्स मिनरल्स प्लांट में गड़बड़ी थमने का नाम नहीं ले रही है। शिकायत मिली है कि जिस भूमि में प्लांट लगाया जा रहा है, उसका मद परिवर्तन अभी फिलहाल नहीं हुआ है। कृषि भूमि पर ही प्लांट लगाने की तैयारी युद्ध स्तर पर जारी है, जबकि नियम के अनुसार कृषि भूमि से औद्योगिक प्रयोजन के लिए डायवर्सन होने के बाद ही उस भूमि का उपयोग प्लांट लगाने के लिए किया जा सकता है। लेकिन यहां डायवर्सन से पहले ही प्लांट लगाने की तैयारी लगभग अंतिम चरण में है।

बाराद्वार क्षेत्र के डूमरपारा में लग रहे रायगढ़ मिनरल्स पर पहले ही बगैर अनुमति वन विभाग की भूमि पर बेजाकब्जा कर रास्ता निकालने का आरोप है। अभी फिर से रायगढ़ मिनरल्स पर कृषि भूमि में ही बगैर डायवर्सन कराएं प्लांट लगाने का गंभीर आरोप लगा है। ग्रामीणों का कहना है भले ही एसडीएम ने डायवर्सन का परमिशन इस शर्त पर दिया है की टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से नक्शा पास होने के बाद ही डायवर्सन की प्रक्रिया पूरी होगी, लेकिन यहां प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही प्लांट लगाने का कार्य लगभग समाप्ति की ओर है। इससे समझा जा सकता है किस तरह कायदे कानून से खिलवाड़ जा रहा है। हमने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग जांजगीर के अफसर से बात की तो उनका कहना है कि रायगढ़ मिनरल्स का नक्शा औद्योगिक प्रयोजन के लिए परिवर्तित करने आया है कि नहीं, इसके लिए फाइल देखनी पड़ेगी। इसका आशय यही है टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अफसर तामेश्वर देवांगन ने रायगढ़ मिनरल्स की कृषि भूमि को औद्योगिक प्रयोजन के लिए डायवर्सन का नक्शा जारी नहीं किया है। ऐसे में कृषि भूमि का औद्योगिक प्रयोजन के लिए उपयोग किया जाना गैरकानूनी है। बहरहाल यह मामला प्रकाश में आने के बाद देखना काफी दिलचस्प होगा कि जिम्मेदार अफसर इस पर किस तरह की कार्रवाई करते हैं।

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