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चांपा फिर हसदेव लोक महोत्सव से हुआ वंचित, स्थानीय कलाकारों को नहीं मिल सका प्रतिभा दिखाने का अवसर, महोत्सव नहीं होने से लोगों में निराशा…

जांजगीर-चांपा। जीवनदायिनी हसदेव नदी के नाम से चांपा में बीते कुछ सालों से हसदेव लोक महोत्सव का तीन दिवसीय भव्य आयोजन किया जाता था, जिसमें स्कूली छात्र छात्राओं के साथ ही क्षेत्रीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता था, तो वहीं सुप्रसिद्ध कलाकार अपनी प्रस्तुति का जलवा बिखेरते थे। वहीं भालेराय मैदान में लगे विभिन्न स्टालों से लोगों को कई महत्वपूर्ण जानकारी मिलती थी, लेकिन बीते कुछ सालों से कोरोना की वजह से हसदेव लोक महोत्व का आयोजन बंद है। इधर, कोरोना समाप्त होने के बाद भी इस बार चांपा हसदेव लोक महोत्सव के आयोजन से वंचित हो गया, जिससे शहरवासियों में निराशा है।

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गौरतलब है कि हसदेव लोक महोत्सव पूरी तरह गैर राजनीतिक आयोजन था, जिसके शहर में होने से शहरवासी खुद को गौरवान्वित महसूस करते थे। चांपा में इसकी शुरूआत पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने की थी। हालांकि यह आयोजन चंदे से होता था। जिला मुख्यालय जांजगीर में भी कोरोना की वजह से जाज्वल्यदेव लोक महोत्सव का आयोजन बंद था, लेकिन इस बार यहां आज से तीन दिवसीय भव्य आयोजन प्रारंभ हो गया है। चांपा में हसदेव महोत्सव को लेकर लोगों में कई तरह की चर्चा है। लोगों का कहना है कि कोरोना तो खत्म हो गया है, फिर भी इस बार यहां हसदेव लोक महोत्सव का आयोजन नहीं होना समझ से परे है। हर साल दिसंबर महीने से हसदेव लोक महोत्सव की तैयारी शुरू हो जाती थी। चांपा में भी यदि जिम्मेदार हसदेव लोक महोत्सव की योजना और तैयारी करते, तो शायद अब तक हसदेव लोक महोत्सव संपन्न हो जाए रहता। क्योंकि हर साल 26 से 28 जनवरी तक यह आयोजन होता था। चांपा शहर में प्रवाहित जीवनदायिनी हसदेव नदी के नाम से चांपा में हसदेव लोक महोत्सव का तीन दिवसीय भव्य आयोजन किया जाता था, जिसमें स्कूली छात्र छात्राओं के साथ ही क्षेत्रीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता था, तो वहीं सुप्रसिद्ध कलाकार अपनी प्रस्तुति का जलवा बिखेरते थे। वहीं भालेराय मैदान में लगे विभिन्न स्टालों से लोगों को कई महत्वपूर्ण जानकारी मिलती थी, लेकिन बीते कुछ सालों से कोरोना की वजह से हसदेव लोक महोत्व का आयोजन बंद होने से लोगों में मायूसी थी।

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नहीं मिली शासकीय मान्यता
गौरतलब है कि जब प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी, तब यहां हसदेव लोक महोत्सव का आयोजन नियमित होता था। उस समय इस महोत्सव को शासकीय करने की लगातार मांग भी उठी थी। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद नगरीय प्रशासन मंत्री शिवकुमार डहरिया ने हसदेव लोक महोत्सव को शासकीय करने की मांग पर आश्वासन भी दिया था, लेकिन कांग्रेस की सरकार बनने के बाद चांपा में हसदेव लोक महोत्सव का शासकीयकरण तो दूर आयोजन होना मुश्किल हो गया है।

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