छत्तीसगढ़जांजगीर चांपा

डोंगरी गांव के सरई पेड़ में विराजी मां सराई श्रृगांरिणी खुशियों से भर देतीं हैं सबकी झोली…

बलौदा ब्लाक के ग्राम डोंगरी में मां मां सरईश्रृगांरिणी एक सराई के पेड़ में विराजमान है । अंचल में मां सरईश्रृगांरिणी के प्रति अपार श्रद्धा एवं विश्वास है । देवी के चमत्कार महिमा से अभिभूत होकर प्रतिवर्ष यहां हजारों की संख्या में ज्योति कलश जलाई जाती है । यहां सरई के ऊंचे ऊंचे चारों ओर पेड़ हैं। नवरात्र में यहां माता के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।

WhatsApp Image 2025 10 13 at 10.02.11 Console Corptech WhatsApp Image 2025 10 30 at 13.20.49 Console Corptech

बुजुर्गों के अनुसार यहां लगभग 100 साल पहले यह पूरा क्षेत्र जंगल था । ग्राम भिलाई का एक व्यक्ति इसी तरह के जंगल में पेड़ काटने आया । मशक्कत कर वाह एक पेड़ काट लिया । कटे हुए पेड़ को बैलगाड़ी में भरकर ले जा रहा था तभी बैलगाड़ी का पहिया टूट गया । शाम होने के कारण वह व्यक्ति कटे हुए पेड़ व बैलगाड़ी को वही छोड़कर अपने गांव वापस आ गया । दूसरे दिन सुबह होते ही वह व्यक्ति कटे हुए सरई पेड़ को लेने जंगल पहुंचा तो देखा कि कटा हुआ पेड़ पुनः उसी जगह पर खड़ा हो गया था । वह व्यक्ति इसे देखकर भय के कारण अपना गांव वापस आया और लोगों को आपबीती बताई । गांव के कई लोग जंगल पहुंचे और यह सब देखकर आश्चर्यचकित रह गए । तभी लोगों ने माना की सरई के पेड़ में मां विराजती है । इसी दिन से उस स्थान को लोग सरई श्रृगांरिणी के नाम से जानने लगे । यहां सरई श्रृगांरिणी सरई पेड़ के रुप में विराजमान है । यहां मान्यता है कि इस सरई श्रृगांरिणी मंदिर में लगभग 40 वर्ष अखंड धूनी एवं अखंड ज्योति प्रज्वलित है । वही समिति के लोगों ने यहां अन्य देवी देवताओं का मंदिर निर्माण किया गया है। नवरात्रि में यहां हजारों की संख्या में ज्योति कलश प्रज्वलित होती है। यहां दोनों नवरात्र में माता के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उंगली रहती हैं।

WhatsApp Image 2025 10 30 at 13.24.20 Console Corptech

Related Articles