नितेश को न्याय दिलाने चेम्बर ऑफ कॉमर्स के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मिला चांपा का सिंधी समाज, सीएम ने उचित कार्रवाई करने का दिलाया भरोसा …
जांजगीर-चांपा। जेल अभिरक्षा में संदिग्ध अवस्था में हुई नितेश विरानी की मौत मामले में परिजन सहित सिंधी समाज न्याय के लिए भटक रहे हैं। स्थानीय स्तर पर न्याय नहीं मिलने पर समाज के लोगों ने नितेश के परिजनों को न्याय दिलाने सीएम से गुहार लगाई है।चांपा के सिंधी समाज चेम्बर ऑफ कॉमर्स के नेतृत्व में कल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और परिवार के लोगों को सरकारी नौकरी व मुआवजा की मांग की है, जिस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें उचित कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है। चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी,कोषाध्यक्ष उत्तमछा गोलचा,कार्यकारी अध्यक्ष मनमोहन अग्रवाल,राजेंद्र जग्गी,राम मंधान,जय नवान,ज़िला प्रभारी अनिल मनवानी,
अजय वीरानी सहित चंदन वीरानी उपस्थित थे।
चांपा का युवक नितेश विरानी एक प्रकरण में जिला जांजगीर में विचाराधीन बंदी था। नितेश की तबियत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल जांजगीर में भर्ती कराया गया, जहां उसकी संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी। परिजनों ने जेल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इसके लिए उन्होंने स्थानीय स्तर से संभाग स्तर तक गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। तब परिजन सहित समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने सीएम को एक पत्र देते हुए नितेश विरानी की जेल अभिरक्षा में हुई संदिग्ध मौत मामले में उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराने की मांग की। साथ ही परिवार के काबिल सदस्य को सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपए मुआवजा की मांग की है, जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
इसके पूर्व परिजन सहित समाज के लोगों ने नितेश विरानी को न्याय दिलाने के लिए बिलासपुर रेंज के आईजी से भी मुलाकात की। समाज के लोगों ने आईजी को एक पत्र प्रस्तुत करते हुए पूरे मामले की जानकारी दी। साथ ही मामले में न्यायिक जांच व परिवार के सदस्यों को नौकरी व मुआवजा की मांग की थी, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। इसलिए समाज के लोगों ने प्रदेश के मुखिया से गुहार लगाई है।
नितेश विरानी की जेल प्रबंधन कस्टडी में संदिग्ध अवस्था में मौत होने की खबर मिलते ही चांपा में शोक पसर गया। परिजन व सिंधी समाज के लोगों ने अंबेडकर भवन जांजगीर में पत्रकारों से बात की। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि नितेश एक मामले में सिर्फ गवाह था, लेकिन उनका आरोप था कि पुलिस ने नितेश को मुख्य आरोपी बनाकर जेल भेज दिया है। आरोप है कि जेल में नितेश विरानी के साथ मारपीट की गई। उसे प्रताड़ित किया गया। मारपीट में जब उसकी तबीयत बिगड़ी तो उसे जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया, जहां उसकी मौत गई। ये खबर विभिन्न अखबार व न्यूज में जमकर चला था।
कलेक्टोरेट जांजगीर का किया था घेराव – अंबेडकर भवन चांपा में पत्रकार वार्ता के बाद नितेश विरानी के परिजन व समाज के लोगों ने कलेक्टोरेट का घेराव कर दिया। करीब सौ की संख्या में कलेक्टोरेट पहुंचकर समाज के लोगों ने कलेक्टर से मुलाकात की। उन्होंने कलेक्टर को पत्र भी दिया, जिसमें नितेश विरानी को जेल भेजने से लेकर संदिग्ध अवस्था में हुई मौत का पूरा ब्यौरा था। कलेक्टर ऋचा चौधरी ने उन्हें मामले में उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया था, लेकिन अब तक किसी तरह की प्रगति नहीं दिख रही है।
पापा के इंतजार में तरस गई अंखियां – जेल प्रबंधन की कस्टडी में नितेश विरानी की संदिग्ध मौत होने की खबर जैसे ही परिजनों को मिली, तब एकबारगी उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ। लेकिन बाद में जब पता चला कि ये खबर सच्ची है तो वो छाती पीटने लग गए। परिजनों के उपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। नितेश की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। बच्चे अपने पापा के इंतजार में टकटकी लगाए बैठे हैं। मासूम बच्चे पापा के हत्यारे को फांसी देने की तख्ती पकड़े अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं।