

चांपा। “मां, मातृभूमि और मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं होता” इसी विचारधारा को आत्मसात करते हुए स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षा के पारंपरिक मूल्यों के साथ-साथ आधुनिक और व्यवहारिक विषयों का अनोखा समावेश किया गया है। सशिमं में Spoken English, Computer शिक्षा, संगीत, एवं नैतिक शिक्षा जैसे विषयों को विशेष रूप से पढ़ाया जा रहा है।



सशिमं प्रशासन का उद्देश्य विद्यार्थियों को न केवल किताबी ज्ञान देना है, बल्कि उन्हें जीवन के लिए उपयोगी विषयों पर भी गहन समझ देना है। इसके अंतर्गत विद्यार्थियों को योग, ध्यान, आध्यात्म, और स्वयं विश्लेषण की विशेष शिक्षा दी जा रही है, जिससे उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके।

सशिमं में विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के लिए गायन, विज्ञान, वाणिज्य, और सांस्कृतिक विषयों की प्रभावी शिक्षा की व्यवस्था की गई है। साथ ही, 25 मिनट का संयमित ध्यान एवं योग कार्यक्रम भी नियमित रूप से आयोजित किया जाता है।

खास बात यह है कि सशिमं में बच्चों के मनोरंजन और शारीरिक विकास के लिए विशाल खेल सामग्री संग्रह है, और उन्हें खेल के माध्यम से शिक्षा दी जाती है। यह प्रयास मातृभाषा की गरिमा को बनाए रखते हुए विद्यार्थियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार कर रहा है।