
🔴 जलकुंभी, नाली व सेप्टिक के पानी से प्रदूषित हुआ तालाब, लोगों को निस्तार के लिए हो रही परेशानी। किसी के साजिश के तहत तालाब को पाटा जा रहा,सीएमओ की भूमिका भी संदिग्ध। कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रहे जिम्मेदार अफसर …
चांपा। कभी शहर का शान कहलाने वाला लच्छीबंध तालाब नगरपालिका सीएमओ की लापरवाही का शिकार है। पूरा तालाब जलकुंभी से पट गया है तो वहीं नाली और सेप्टिक के पानी से तालाब का पानी प्रदूषित हो गया है। कहा तो यह जा रहा है कि इस तालाब को एक साजिश के तहत जानबूझकर गंदगी से युक्त कराया जा रहा है, ताकि इस तालाब को अनुपयोगी घोषित कर इसका व्यावसायिक उपयोग किया जा सके। जबकि यह तालाब लोगों के निस्तार का एक बड़ा माध्यम है, लेकिन गंदगी और कूड़ेदान से तालाब का पानी पूरी तरह दूषित हो गया है।

चांपा शहर के हृदय स्थल में स्थित लच्छीबंध तालाब लोगों के निस्तार का एक बड़ा माध्यम है। तालाब के विभिन्न घाटों में लोगों की निस्तार होती है, लेकिन इन दिनों नगर पालिका सीएमओ की लापरवाही से पूरा तालाब कूड़ेदान और गंदगी का पर्याय बन गया है। पूरा तालाब जलकुंभी से पट गया है, जिसके चलते तालाब में पानी तक नजर नहीं आ रहा है। तालाब में कुछ जगहों से नाली और सेप्टिक का पानी भी प्रवाहित हो रहा है, जिसके चलते तालाब का पूरा पानी प्रदूषित हो गया है। नगर पालिका सीएमओ इस तालाब की साफ सफाई को लेकर गंभीर नहीं है, जिसके चलते यहां निस्तार करने वाले लोगों के मुंह से उनके लिए आह! ही निकल रहा है। पहले ही पूरे शहर और नदी के घाटों में गंदगी का आलम है। नगर पालिका के सफाई शाखा में नियमित और प्लेसमेंट मिलकर 50 से अधिक कर्मचारी है, जिन्हें हर माह लाखों रुपए सैलेरी मिलती है। चांपा की सफाई व्यवस्था में सरकार हर माह लाखों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन नगर पालिका सीएमओ की लापरवाही से शहर में गंदगी आलम है। कार्य में लापरवाही बरतने पर सीएमओ सिर्फ नोटिस देकर औपचारिकता पूरी कर ले रहे हैं।

सूत्रों का कहना है शहर के हृदय स्थल में स्थित इस तालाब को एक साजिश के तहत गंदगी संयुक्त कराकर किस नियुक्त अनुपयोगी घोषित किया जाएगा ताकि तालाब का व्यावसायिक उपयोग किया जा सके। इस तरह का दुस्साहस इसके पहले भी किया गया था लेकिन प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए तालाब पाटने के मामले को खारिज कर दिया था।