

चांपा। नगर के पीपल चौक क्षेत्र में रिश्तों को शर्मसार कर देने वाली सनसनीखेज घटना सामने आई है। यहाँ एक व्यक्ति ने अपने चाचा की धारदार हसिया से गला रेतकर हत्या कर दी। घटना के कुछ ही घंटों में चांपा पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।


थाना चांपा में प्रार्थी लक्ष्मण पाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका पिता रामप्रसाद पाल (निवासी पीपल चौक), जो पास ही स्थित शिव मंदिर में पूजा-पाठ करता था, अपने घर पर अकेले रहते थे। आरोपी अजीत कुमार पाल (63 वर्ष), निवासी पाल मोहल्ला पीपल चौक, कोटाडबरी क्षेत्र में ढाबा चलाता है। वह अक्सर अपने भाई रामप्रसाद पर आरोप लगाता था कि वह टोना-टोटका करता है, जिसके कारण उसका ढाबा नहीं चलता। इसी बहाने वह बार-बार झगड़ा करता और जान से मारने की धमकी देता था।
दिनांक 21 सितंबर की शाम लगभग 7 बजे प्रार्थी की नाबालिग पुत्री ने देखा कि उसके बड़े पापा अजीत पाल उसके दादा रामप्रसाद पाल पर धारदार हसिया से हमला कर रहे हैं। बच्ची ने यह सूचना तुरंत घर जाकर पिता को दी। जब लक्ष्मण पाल मौके पर पहुँचे तो उनके पिता घर के बाहर खून से लथपथ हालत में पड़े मिले। सिर और गले पर गहरे घाव थे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पाण्डेय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कश्यप एवं SDOP चांपा यदुमणी सिदार के निर्देशन पर तत्काल आरोपी की गिरफ्तारी हेतु विशेष टीम गठित की गई। थाना प्रभारी निरीक्षक जयप्रकाश गुप्ता के नेतृत्व में पुलिस टीम ने पहले आरोपी के घर दबिश दी, लेकिन वह फरार मिला। इसी दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी हथनेवरा चौक की ओर भाग रहा है।
तुरंत घेराबंदी कर पुलिस ने आरोपी अजीत पाल को प्लांट के पास से गिरफ्तार किया। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करता रहा, लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। आरोपी ने बताया कि टोना-टोटका करने की शंका में उसने अपने भाई रामप्रसाद का गला काटकर हत्या की है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से हत्या में प्रयुक्त धारदार हसिया बरामद कर लिया।पुलिस ने आरोपी को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया।
इस पूरे कार्रवाई में थाना प्रभारी निरीक्षक जयप्रकाश गुप्ता, सहायक उपनिरीक्षक अरुण सिंह, प्रधान आरक्षक अमृत सलूजा, आरक्षक नरसिंह वर्मन, अजय चतुर्वेदी, शंकर राजपूत, मुद्रिका दुबे, आकाश कालोसिया, जय उराव और भूपेंद्र राठौर की महत्वपूर्ण भूमिका रही।