
जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने जिला पंचायत सभा कक्ष जांजगीर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर पर 326 व जांजगीर जिले में 11 सुनवाई हुई। सुनवाई में पामगढ़ विधायक श्रीमती शेषराज हरबंश एवं प्रभारी सचिव छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग श्रीमती पुष्पा किरण कुजूर, स्थानीय शिकायत समिति जिलाध्यक्ष श्रीमति तान्या पांडेय उपस्थित रहे।
आज के सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में दो वर्ष से दोनो अलग रह रहे है दस एवं सात वर्ष के बच्चे है। आयोग के द्वारा समझाईश के बाद आवेदिका एवं अना. दोनो बच्चों के हित में साथ में रहकर जीवन बिताने को तैयार है। आवेदक को नौकरी दरभा जगदलपुर में है इसलिए प्रकरण की आगामी सुनवाई जगदलपुर में 26 जून को नियत किया जाता है। जहां अनावेदक अपने दोनो बच्चों को लेकर उपस्थित होगा। आवेदिका जगदलपुर पहुंचेगी जहां दोनो का लिखित राजीनामा बनवाया जायेगा तथा प्रोटेक्शन ऑफिसर 01 वर्ष तक निगरानी करेंगी।अन्य प्रकरण में दोनो पक्षों को सुना गया आवेदिका की मां ने वसीयत नामा किया था उसके आधार पर आवेदिका अपना नाम दर्ज करा चुके थे जिसे आवेदक ने चुनौती दिया है। जिसमे एसडीएम न्यायालय से स्थगन आदेश मिला है और प्रकरण भी आगे की कार्यवाही न्यायालय में ही लंबित है। आवेदिका के पास आर्थिक हैसियत नहीं है कि वह वकील रख सकें ऐसी स्थिति में आवेदिका को समझाईश दिया प्रोटेक्शन आफिसर को जिम्मेदारी दिया जाता है कि आवेदिका निःशुल्क वकील दिलाने में मदद करें।
अन्य प्रकरण में उपस्थित तीनों आवेदिकाओं ने आवेदकगण के शिकायत किया है कि उनके स्कूल में कामकाज को लेकर लगातार टिका-टिप्पणी और विभागीय शिकायत करते रहते है। अनावेदक क्रमांक 01 जो विभागीय प्राचार्य है। 02 व्याख्याता है आवेदिका गणों के हर शिकायत एवं नोटिस का फाईल बनाकर रखें है दोनो पक्षों के बीच तालमेल का अभाव है इस मामले में संबंधित को पत्र भेजा जाकर 02 माह में स्थायी समाधान निकाल कर 02 माह के अंदर भेजे उसके पश्चात प्रकरण रायपुर में रखा जायेगा। अन्य प्रकरण में आवेदिका उपस्थित अनावेदक अनुपस्थित था। आवेदिका ने बताया कि उसने अनावेदक के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करा दिया है वह जेल में है और उसके बच्चे का अनावेदक के साथ डी.एन.ए. टैस्ट की प्रक्रिया चल रही है। अतः वह अपना प्रकरण आयोग से नस्तीबद्ध कराना चाहती है। प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में दोनो के मध्य वर्ष 2017 एवं 2020-2022 से लगातार विभिन्न मामले चल रहे है दोनो का 13 वर्षीय पुत्र चाहता है कि मम्मी पापा एक साथ रहे दोनो पक्ष सुलाह के लिए तैयार नही है। दोनो पक्षों को अपने 13 वर्षीय पुत्र की परवरीश के लिए सुलहनामा तैयार करा लेंवे एवं दोनो मिलकर अपनी-अपनी जिम्मेदारी अपने बेटे के लिये निभाये आवश्यकता अनुसार सुलहनामा बनाने के लिए राज्य महिला आयोग की मदद ले सकते है इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक कम पढ़ीलिखी महिलाओं को उधार देने का काम करता है और उन्हे मामले मुकदमे में फसता है। गांव की कई महिलाओं को इसी तरह उधार देकर सबके खिलाफ न्यायालय में दूसरे व्यक्ति से चेक बाउंस का प्रकरण दर्ज करा रहा है। आवेदिका पर मान. न्यायालय में चेक बाउंस का मामला चल रहा है इसलिए इस प्रकरण का निराकरण मान. न्यायालय में ही हो सकता है। लेकिन आवेदिका की शिकायत को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। अतः इस मामला की जांच के लिए उप पुलिस अधीक्षक श्रीमती सत्यकला रामटेके एवं सखी प्रशासिका को दिया जाता है।