नवापारा-केवा भादा में हसदेव नदी से दिनदहाड़े रेत की खुली लूट, खनिज विभाग मौन, माफिया बेलगाम …



जांजगीर-चांपा। जिले के नवागढ़ ब्लॉक अंतर्गत नवापारा केवा भादा क्षेत्र में हसदेव नदी से अवैध रेत उत्खनन बड़े पैमाने पर जारी है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नदी में चार-चार जेसीबी मशीनें लगातार चल रही हैं और रेत को सीधे हाइवा वाहनों में भरकर बाहर भेजा जा रहा है। यह पूरा खेल दिनदहाड़े चलने के बावजूद खनिज विभाग द्वारा कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही, जिससे विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध रेत निकासी का दृश्य इतना स्पष्ट है कि कई किलोमीटर दूर से हाइवा लोडिंग दिखाई देती है, फिर भी जिम्मेदार अधिकारी इसे देख कर भी अनदेखा कर रहे हैं। विभाग की यह चुप्पी और निष्क्रियता, रेत माफियाओं के हौसलों को और अधिक बढ़ा रही है।
सिर्फ ट्रैक्टर जब्ती का दिखावा, बड़े माफिया बेखौफ – खनिज विभाग द्वारा की जाने वाली छिटपुट कार्रवाई महज औपचारिकता साबित हो रही है। विभाग कभी-कभार कुछ ट्रैक्टर जब्त कर अपनी जिम्मेदारी पूरी होने का दावा करता है, जबकि सच्चाई यह है कि प्रतिदिन सैकड़ों हाइवा रेत लेकर बिलासपुर, कोरबा और अन्य इलाकों की ओर भेजे जा रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इतनी बड़ी स्तर पर हो रहे अवैध परिवहन को रोकने की कोई गंभीर योजना नहीं है।

रेत माफियाओं और विभाग की सांठगांठ चर्चा में – क्षेत्र में यह बात अब खुला राज बन चुकी है कि रेत कारोबारियों को विभाग के अंदर सूचनाएं पहले ही पहुंचा दी जाती हैं। अधिकारी मौके पर पहुंचें उससे पहले ही सारी मशीनें और वाहन हटाकर माफिया बच निकलते हैं। इससे साफ है कि खनिज विभाग और रेत माफियाओं के बीच सांठगांठ का मजबूत नेटवर्क सक्रिय है।

ग्रामीणों की शिकायतें अनसुनी, हसदेव नदी का अस्तित्व खतरे में – स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की, लेकिन हर बार उन्हें यही जवाब मिलता है कि “टीम भेजी जा रही है”। हैरानी की बात यह है कि टीम कभी मौके पर कोई अवैध वाहन पकड़ नहीं पाती। इस कारण अब ग्रामीणों में आक्रोश और पर्यावरण को लेकर चिंता बढ़ रही है। उनका कहना है कि इस रफ्तार से उत्खनन जारी रहा तो हसदेव नदी का प्राकृतिक स्वरूप गंभीर खतरे में पड़ जाएगा।




