छत्तीसगढ़जांजगीर चांपा

विधानसभा के सेमीफाइनल से कम नहीं चांपा के वार्ड नंबर 24 का उपचुनाव, कांग्रेस और भाजपा के बड़े चेहरों की प्रतिष्ठा लगी दांव पर…

जांजगीर-चांपा। चांपा के वार्ड नंबर 24 में हो रहे उपचुनाव के लिए सरगर्मी तेज हो गई है। यहां उपचुनाव के लिए 27 जून को मतदान होगा। इसके पूर्व कांग्रेस ने आज धुंआधार प्रचार अपने पक्ष में माहौल बनाया तो वहीं भाजपा हर हाल में यह चुनाव जीतने जोर लगा रही है। इस वार्ड पार्षद का चुनाव जीतने जिस तरह दोनों प्रमुख दल जीजान से जुटा है, उससे समझा जा सकता है कि यह चुनाव विधानसभा के सेमीफाइनल से कम नहीं है। लोगों का मानना है कि इस चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बड़े चेहरों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।

नगरपालिका का भले ही यह उपचुनाव है, लेकिन कांग्रेस और भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव से पहले यह उपचुनाव सेमीफाइनल से कम नहीं है। क्योंकि चुनाव भले ही पार्षद पद के लिए हो रहा है, लेकिन इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बड़े चेहरों की प्रतिष्ठा दांव पर है। पूर्व पार्षद स्व. रामकुमार यादव का कुछ माह पहले देहांत हो गया था। इसके चलते वार्ड नंबर 24 की सीट खाली है, जिसे भरने उपचुनाव कराया जा रहा है। इस सीट से कांग्रेस ने भूपेन्द्र यादव बहादुर को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं भाजपा से मोंटू गोपाल प्रतिद्वंदी है। हालांकि उपचुनाव अक्सर सत्ताधारी दल के पक्ष में ही जाता रहा है, लेकिन इस सीट पर भाजपा से मोंटू गोपाल भी वार्ड में सक्रिय रहे हैं और लोगों के दुख दर्द में शामिल होते रहे हैं। इसलिए इस सीट पर किसी भी पार्टी के लिए जीत हासिल करना उतना आसान भी नहीं है। यही वजह है कि कांग्रेस और भाजपा के बड़े चेहरों की प्रतिष्ठा भी दांव पर इस चुनाव में लगी हुई है। कांग्रेस ने आज बाजे गाजे और गर्मजोशी के साथ वार्ड में प्रचार कर कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाया तो वहीं भाजपा भी लगातार इस सीट को जीतने जनता के पास पहुंच रही है। अब देखना काफी दिलचस्प होगा कि यह उपचुनाव किसके झोली में जाता है।

नाराज कार्यकर्ता बन सकते हैं विभीषण
आपकों बता दें कि विधानसभा चुनाव को अब चंद महीने ही शेष बच गए हैं। चुनाव की तैयारी सभी प्रमुख दल ने शुरू कर दी है। अभी जांजगीर चांपा जिले के तीन सीटों में कांग्रेस एक में भी नहीं है। जांजगीर चांपा सीट में अभी भाजपा के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल बतौर विधायक काबिज है। अकलतरा में भाजपा और पामगढ़ में बसपा का राज है। जांजगीर चांपा सीट की बात करें तो दोनों प्रमुख दल से कई दावेदार है। इस लिहाज से इस बार जांजगीर चांपा सीट को हासिल करने कांग्रेस हर पैतरा अपनाएगी, तो वहीं भाजपा भी जोर लगाने में पीछे नहीं है। ऐसी स्थिति में खासकर कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी चयन करना ही जीत हार की का द्वार खोलेगा। लेकिन कांग्रेस की ओर से दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है। इस लिहाज से कांग्रेस को प्रत्याशी चयन करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। टिकट वितरण से नाराज कार्यकर्ता विभीषण की भूमिका निभा सकता है।

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