
जांजगीर-चांपा। जिले की कानून व्यवस्था इन दिनों पूरी तरह से सवालों के घेरे में है। अवैध शराब, जुआ, कबाड़ चोरी, डीजल चोरी, ब्याजखोरी, अवैध वसूली, लूट और डकैती जैसी आपराधिक गतिविधियां जिले में चरम पर हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि आम नागरिकों में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है।
जनप्रतिनिधियों ने कई बार इन मुद्दों को पुलिस प्रशासन के समक्ष उठाया, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। पुलिस की निष्क्रियता और सुस्ती को लेकर अब आम जनता में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि पुलिस जानबूझकर अपराधियों पर कार्यवाही नहीं कर रही और उन्हें बचाने का प्रयास कर रही है, खासकर ब्याजखोरी के मामलों में जहां सुसाइड नोट में नाम होने के बावजूद आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं।
दिनदहाड़े लूट और चाकूबाजी की घटनाएं, जिनका अब तक खुलासा नहीं हुआ है, पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। ब्याज में पैसे देने वालों की आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इन मामलों में मृतकों द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में आरोपियों के नाम स्पष्ट तौर पर लिखे गए हैं, लेकिन फिर भी कोई सख्त कार्रवाई न होना यह संकेत देता है कि कहीं न कहीं पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में है।
इन हालातों को देखते हुए जिले के नागरिकों की मांग है कि जांजगीर-चांपा को एक तेजतर्रार, ईमानदार और सक्रिय पुलिस अधीक्षक मिलना चाहिए, जो अपराधियों पर नकेल कस सके और आम लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिला सके।अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर समस्या पर कब तक ध्यान देता है और जिले की बिगड़ती कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए कब ठोस कदम उठाए जाते हैं।