शिक्षकों की पूर्व सेवा की गणना कर मध्यप्रदेश की तरह शासकीय सेवा के समतुल्य पेंशन छत्तीसगढ़ में प्रदान किया जाए – रविन्द्र राठौर …
जांजगीर-चांपा। शिक्षक कर्मचारी नेता रविंद्र राठौर ने कहा कि पेंशन की कटौती 2012 से और लाभ 2018 से इस प्रकार कैसे शासन दोहरी नीति अपना रही है। हर बार शासन हमें कुछ देती है तो हमारे पूर्व सेवाओं की बलि चढ़ा देती है, समविलियन के समय सहायक शिक्षकों को इसका बहुत खामयाजा उठाना पड़ा था, और आज तक वह उसका दर्द भोग रहे हैं। अभी जो 5 साल के अंदर रिटायर होंगे उनको पेंशन का लाभ नहीं मिल पाएगा,शिक्षकों के साथ ही न्याय क्यों नहीं होता हर बार पेंशन के मामले में वर्तमान सरकार को अपनी गारंटी पूरा करते हुए पूर्व सेवा की गणना की जानी चाहिए, पदोन्नति से वंचित हुए सभी को सहायक शिक्षकों को पदोन्नति क्रमन्नति दिया जाना चाहिए।
प्रथम नियुक्ति तिथि से अर्हकारी सेवा मानते हुए पुरानी पेंशन की गणना किया जाना चाहिए जिस प्रकार मध्यप्रदेश शासन के आदेश क्रमांक 472 – 13835 – 20 /1–71, भोपाल दिनांक 15 – 1 – 72 / 21 – 1 – 72 के तहत राज्य शासन ने आदेश दिए हैं कि मध्य प्रदेश स्थानीय प्राधिकरण पाठशाला अध्यापक (शासकीय सेवा में संविलियन) अधिनियम, 1963 तथा उसके अंतर्गत बने मध्यप्रदेश स्थानीय प्राधिकरण पाठशाला अध्यापक (शासकीय सेवा में संविलियन) नियम 1964 के अधीन दिनांक 1 – 10 – 63 या उसके पश्चात शासन सेवा में संविलीन महाकौशल क्षेत्र के जनपद सभा स्थानीय निकाय के भूतपूर्व शिक्षकों की जनपद सभा/ स्थानीय निकाय के अंतर्गत की गई सेवा को शासकीय सेवा के समतुल्य पेंशन योग्य मान्य किया गया है।
छत्तीसगढ़ राजपत्र दिनांक 11 मई 2022 को प्रकाशित किया गया है, जिसमें एनपीएस योजना के स्थान पर 1 नवंबर 2004 से भूतलक्षी प्रभाव से पुरानी पेंशन योजना लागू करने प्रावधान किया गया है।छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय रायपुर के आदेश क्रमांक /पंचा/पंग्राविवि/22/2011/1096 रायपुर दिनांक 02/11/2011 के तहत 01 अप्रैल 2012 से पंचायत संवर्ग के शिक्षकों ( शिक्षा कर्मियों) के लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू कर कटौती प्रारंभ किया गया है
वित्त एवं योजना विभाग मंत्रालय, दाऊ कल्याण सिंह भवन, रायपुर के अधिसूचना क्रमांक 977/सी–761/वि/नि/चार/04 रायपुर दिनांक 27 अक्टूबर 2004 द्वारा 1/11/2004 अथवा इसके पश्चात नियुक्त कर्मचारियों के लिए एक नई परिभाषित अंशदान पेंशन योजना लागू किया गया है।
अतः 1/11/2004 के पूर्व नियुक्त (जिस समय 1976 का पेंशन नियम प्रचलित था) शिक्षा कर्मियों (वर्तमान पद एल बी शिक्षक संवर्ग ) को उनके प्रथम नियुक्ति तिथि से अर्हकारी (अर्हतादायी) सेवा की गणना पेंशन के लिए किया जावे, ताकि उनका भी सेवानिवृत्ति पर 50 % पेंशन (पूर्ण पेंशन) निर्धारण हो सके।
तथा 1 /11/2004 से 31/03/2012 तक नियुक्त पंचायत संवर्ग के शिक्षकों की एन पी एस कटौती का प्रावधान नही किए जाने के कारण उपरोक्त अवधि में नियुक्त शिक्षक संवर्ग ( शिक्षा कर्मी / पंचायत संवर्ग के शिक्षक) को भी प्रथम नियुक्ति तिथि से अर्हकारी (अर्हतादायी) सेवा की गणना पुरानी पेंशन के लिए मान्य किया जावे, ताकि उनका भी सेवानिवृत्ति पर 50 % पेंशन (पूर्ण पेंशन) निर्धारण हो सके।
रविंद्र राठौर, ने कहां है कि सरकार संशोधित आदेश जारी करें और पूर्व सेवाओं की गणना करते हुए मध्यप्रदेश की तर्ज पर स्थानीय प्राधिकरण पाठशाला अध्यापक (शासकीय सेवा में संविलियन) नियम 1963 व 1964 के अधीन दिनांक 1 – 10 – 63 या उसके पश्चात शासन सेवा में संविलीन (Absorbed) स्थानीय निकाय के शिक्षकों की जनपद सभा/ स्थानीय निकाय के अंतर्गत की गई सेवा को शासकीय सेवा के समतुल्य पेंशन योग्य मान्य किया गया है उसी तरह मध्यप्रदेश शासन से पंचायत विभाग द्वारा स्थानीय निकाय में नियुक्त शिक्षा कर्मियों को तथा छत्तीसगढ़ शासन पंचायत विभाग द्वारा स्थानीय निकाय में नियुक्त शिक्षा कर्मियों के स्थानीय निकाय के अंतर्गत की गई सेवा को शासकीय सेवा के समतुल्य पेंशन योग्य मान्य करने का आदेश जारी करने का मांग किया है।