

जांजगीर-चांपा। हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा एवं 5000 के अर्थदण्ड से दंडित किये जाने का आदेश दिया गया है।मामला पामगढ़ थाना अंतर्गत ग्राम रसौटा का है।आदेश प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जांजगीर शक्ति सिंह राजपूत ने पारित किया है।


अभियोजन से मिली जानकारी के अनुसार 28 जून 2019 को करीब 11 बजे आहत प्रार्थी विरेन्द्र बंजारे अपने भाई हेमलाल बंजारे के साथ मोटर सायकल को मांगकर गांव के सहयोग बधेल के साथ शराब पीने रसौटा शराब दुकान गया था। ग्राम रसौटा के विजय कुरें,डप्सा उर्फ रामकिशन एवं ग्राम मेकरी के संतोष लहरे शराब भट्टी के पास चखना दुकान में शराब पीये और शराब पीने के बाद शराब खरीदने के लिए प्रार्थी विरेन्द्र बंजारे और बघेल को 200-200 रूपये दिये।दोनों ने दो पाव शराब लाकर अभियुक्तगणों को दिया तथा शेष बचे पैसे नही दिये, जिसपर पैसे के हिसाब को लेकर विजय और उसके साथियों ने प्रार्थी विरेन्द्र एवं बघेल के साथ मारपीट कर गाली गलौज करने लगे,जिससे सहयोग बघेल डरकर वहां से भाग गया। अभियुक्तगण प्रार्थी के मोटरसायकल व मोबाईल को रख लिये, मांगने पर नहीं दिये और प्रार्थी को मोटर सायकल में बैठाकर उसके घर डोंगाकोहरौद ले जा रहे थे। जैसे ही वे लोग नहर पुल के पास पहुंचे तभी प्रार्थी का भाई हेमलाल बंजारे गांव के मोहन के साथ मोटर सायकल में आ रहा था, जो प्रार्थी को देखकर नहर पुल के पास रूक गया। हेमलाल ने अपनी मोटरसायकल को विजय कुर्रे से मांगा तो नहीं दिया। आरोपियों ने प्रार्थी विरेन्द्र एवं हेमलाल से मारपीट किया। प्रार्थी और मोहन वहां से जान बचाकर भाग गये लेकिन आरोपी हेमलाल को मारपीट कर रसौटा के सरपंच के घर के पास छोड़ दिया। मारपीट से हेमलाल को चोट आयी। जिसे 108 एम्बुलेंस को बुलाकर पामगढ़ अस्पताल ले गये। जहां प्रारंभिक इलाज के दौरान हेमलाल के चोट की गंभीरता को देखते हुए उसे जिला अस्पताल जांजगीर अथवा सिम्स बिलासपुर रिफर किया गया। जहां उपचार के दौरान 2 जुलाई 2019 को आहत हेमलाल की मृत्यु हो गयी।
अन्वेषण उपरांत अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा 294, 506, 323, 302 के तहतअभियोग पत्र तैयार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किये। न्यायालय द्वारा आरोपी डप्सा उर्फ रामकिशन पिता भागवत सूर्यवंशी उम्र 27 वर्ष निवासी ग्राम रसौटा थाना पामगढ़ को सिद्धदोष अपराध धारा 302/34 भा.द.स के लिए आजीवन कारावास एवं 5000 रूपये के अर्थंदण्ड से तथा धारा 323/34 भादसं के लिए एक माह का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।अभियुक्त द्वारा अर्थदण्ड की राशि जमा नही करने पर क्रमशः 6 माह एवं एक माह का सश्रम कारावास पृथक से भुगताये जाने का आदेश न्यायालय द्वारा दिया गया है।उक्त प्रकरण में अभियोजन की ओर से संदीप सिंह बनाफर लोक अभियोजक जांजगीर ने पैरवी की।