बिलासपुर। प्रदेश में मलेरिया से हो रही मौत को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। स्वत: संज्ञान में लेते हुए जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया है। गुरुवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर मलेरिया सहित संक्रामक रोगों के रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। चीफ सेक्रेटरी को 48 घण्टे के भीतर जवाब देना होगा।
प्रदेश में मलेरिया व डायरिया से अब तक 11 मौत हो चकी है। बिलासपुर जिले के कोटा ब्लाक के ग्रामीण क्षेत्र में बुधवार को मलेरिया से दो सगे भाइयों की मौत हो गई है। अखबार में प्रकाशित खबरों को संज्ञान में लेते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को जनहित याचिका के रूप में रजिस्टर्ड करने का निर्देश दिया था। चीफ जस्टिस के निर्देश पर बुधवार को जनहित याचिका के रूप में रजिस्टर्ड कर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में सुनवाई के लिए रखा गया। हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य सेवाओं में अव्यवस्था को लेकर नाराजगी जाहिर की है।
बिलासपुर, बस्तर और सरगुजा संभाग में मलेरिया और डायरिया से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवार को बिलासपुर में मलेरिया से दो सगे भाइयों की जान चली गई। पांच दिन पहले तेज बुखार आने के बाद दोनों भाई को टेंगनमाड़ा उप स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था। बुधवार की सुबह पहले बड़े भाई इरफान की मौत हुई। इसके बाद शाम को कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में छोटे भाई इमरान की मौत हो गई। दोनों मलेरिया पाजिटिव थे। मामला कोटा ब्लाक के ग्राम करवा का है।