150 किलो चांदी से बनेगा मां बम्लेश्वरी मंदिर का दरवाजा,दिया जा रहा मंदिर को प्राचीन स्वरूप …
डोंगरगढ़। पहाड़ी पर विराजित विश्व प्रसिद्ध मां बम्लेश्वरी (बमलई) मंदिर में डेढ़ क्विंटल वजनी चांदी का दरवाजा लगेगा। नवरात्र पर्व के पहले पुराने को निकालकर नया दरवाजा लगा दिया जाएगा। इसकी लागत लगभग डेढ़ करोड़ रुपये होगी।दरवाजे पर लगाए जाने वाली चांदी की चादर की मोटाई 22 गेज की होगी, जिसे रायपुर में तैयार कराया गया है। इसे लकड़ी के ऊपर नई डिजाइन के साथ चढ़ाया जाएगा। इसके लिए महाराष्ट्र के नासिक से छह कारीगरों की टीम डोंगरगढ़ पहुंच गई है।
एक-दो दिन में काम शुरू करा दिया जाएगा। ऊपर मंदिर में लगभग 17 वर्ष पहले करीब 60 किलो वजनी चांदी का दरवाजा लगवाया गया था, जो पुराना होने के कारण टूट-फूट गया है। उसी दरवाजे को बदला जाना है। पुराने दरवाजे की चांदी का उपयोग उसे गलाकर अन्य जगह किया जाएगा।
नए दरवाजे में आकर्षक डिजाइन बनवाई जा रही। इसमें धार्मिक चिन्हों के अतिरिक्त अन्य तरह की कलाकारी भी रहेगी। चांदी की चादर शनिवार को रायपुर से पहुंच गई। अब उसे प्रेस कर साइज से काटी जाएगी।दूसरी तरफ नीचे वाले बम्लेश्वरी मंदिर को प्राचीनतम स्वरूप दिया जा रहा है। मंदिर के सामने वाले भाग में बिछाए गए गुलाबी पत्थर की पालिश भी कराई जा रही है। उसे केमिकल से लेमीनेट कर चमकाया जाएगा। पिलरों में नक्काशी कर देवी-देवताओं की आकृति भी उकेरी जा रही है। साथ ही गुंबज वाले हिस्से में जीर्णोद्धार का जो काम शेष रह गया था, उसे भी पूरा कराया जा रहा है। पत्थरों वाला कामा ओडिशा के 20 कलाकार कर रहे हैं।
नवरात्र पर्व के पहले ऊपर व नीचे दोनों मंदिर की साज-सज्जा कराई जा रही है। ऊपर मंदिर वाला चांदी का दरवाजा नया बनवाया जा रहा है,डेढ़ क्विंटल चांदी लगेगी। इसमें लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का खर्च आएगा जिसका वहन ट्रस्ट करेगा। एक-दो दिन में काम शुरू होगा। पर्व के पहले अधिकतम काम कराने का प्रयास है। बाकी बाद में होगा – मनोज अग्रवाल,अध्यक्ष, मां बम्लेश्वरी ट्रस्ट, डोंगरगढ़।