Uncategorized

चांपा में चरितार्थ हो रहा अंधेर नगरी चौपट राजा का मुहावरा,सर्वराकार नियुक्ति का मामला न्यायालय में पेंडिंग, फिर भी पब्लिक ट्रस्ट पंजीयन के लिए निकला ईश्तहार …

images2812292733865003765849306 Console Corptech

जांजगीर-चांपा। अंधेर नगरी चौपट राजा, यह मुहावरा आप सभी ने प्राइमरी कक्षा में जरूर पढ़ा होगा। लेकिन असल जिंदगी में भी कुछ इसी तरह का मुहावरा इन दिनों चांपा में डोंगाघाट लोक न्यास मामले को लेकर चरितार्थ हो रहा है। कुछ माह पहले मंदिर के सर्वराकार नरोत्तम दास के निधन पश्चात नारायण दास को सर्वराकार नियुक्त किए जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज की गई थी। फिर यह मामला जिला न्यायाधीश जांजगीर के न्यायालय में वाद प्रकरण क्रमांक 18 अ/2024 अंतर्गत लंबित है।

pratik Console Corptech

ऐसी स्थिति में जब तक जिला न्यायाधीश का निर्णय नहीं आ जाता, तब तक पब्लिक ट्रस्ट का पंजीयन या फिर कोई संचालन समिति बनाकर उसका पंजीयन करना अवैधानिक है।कन्हैयादास सहायक मैनेजर श्रीराम नाम बैंक मणीराम दास छावनी अयोध्या एवं सर्वराकार हनुमान जी मूर्ति मठ मंदिर ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है। इस तथ्य से प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में है। कानून के जानकारों का कहना है कि जब कोई मामला न्यायालय में लंबित हो तो उससे संबंधित कोई भी क्रियाकलाप बगैर न्यायाधीश के निर्णय आए बगैर नहीं किया जा सकता। यहां तो मामला न्यायालय में लंबित होने के बावजूद न केवल लोक न्यास संचालन के लिए समिति गठित कर बकायदा 10 जून 2024 को उप पंजीयक चांपा के समक्ष पंजीकृत किया गया है, बल्कि चांपा शहर की सांस्कृतिक धरोहर श्री हनुमान व्यायाम शाला भवन को ध्वस्त कर उसका अस्तित्व ही समाप्त कर दिया गया। कानून के जानकारों का यह भी कहना है कि जब सर्वराकार की नियुक्ति का मामला विवादित है और यह मामला न्यायालय में पेंडिंग है तो प्रशासन क्यों सुरदास बनकर संचालन समिति का पंजीयन कर न्यायालय की अवहेलना कर रहा है। इस पूरे मामले में शिकंजा कसने के बजाय राजस्व प्रशासन ने पब्लिक ट्रस्ट पंजीयन करने के लिए बकायदा 6 नवंबर को ईश्तहार का प्रकाशन कराया है। राजस्व प्रशासन का यह क्रियाकलाप निश्चित ही न्यायालय की अवहेलना की श्रेणी में आता है। खास बात यह है कि इस पूरे मामले से चांपा एसडीएम भलीभांति परीचित है। क्योंकि सर्वराकार नियुक्ति को लेकर मामला उनके न्यायालय में आया था, लेकिन उन्होंने यह मामला जिला न्यायाधीश के न्यायालय में होने का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दिया था। ऐसी स्थिति में संचालन समिति का पंजीयन और पब्लिक ट्रस्ट पंजीयन करने के लिए ईश्तहार का प्रकाशन कराना अवैधानिक है।

img 20241111 wa00546772427493266621512 Console Corptech

तोड़फोड़ करना बन गया फितरत – प्रशासन से प्रश्रय मिलने के कारण समिति का हौसला सातवें आसमान पर है। यही वजह है कि लोगों की धार्मिक भावनाओं को ताक पर रखकर तोड़फोड़ करना और भगवान की मूर्ति को यत्र-तत्र रखना फितरत में शामिल होते जा रहा है। इसके पहले भी मंझली तालाब में स्थित हनुमान मंदिर पर तोड़फोड़ कर मूर्ति को उठाकर लावारिश की तरह रखने के संवेदनशील मामले ने काफी तूल पकड़ा था। आखिरकार तत्कालीन एसडीएम की अगुवाई में प्रशासन और तत्कालीन सर्वराकर नरोत्तम दास ने इस मामले का बड़ी चतुराई के साथ पटाक्षेप किया था, तब जाकर कहीं मामला शांत हुआ था। अब फिर से चांपा शहर की सांस्कृतिक धरोहर व हरेक चांपावासी की भावनाओं की परवाह किए बगैर श्री हनुमान व्यायाम शाला का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया गया। यह अपराधिक कृत्य करने का अधिकार संचालन समिति को किसने दिया, आखिर किसके शह पर इस तरह का अपराधिक कृत्य किया गया है, इस सवाल के जवाब का जनता बेसब्री से इंतजार कर रही है।

🔴 डोंगाघाट लोकन्यास पंजीयन के लिए अभी सिर्फ इश्तिहार प्रकाशन हुआ है, ना की लोकन्यास का पंजीयन हुआ है। विभिन्न तरह की आपत्ति इस पर आ रही है ,जिसे ध्यान में रखते हुए न्यायोचित कार्रवाई की जाएगी। लोकन्यान न्यास संचालन के लिए गठित समिति का पंजीयन करना दूसरे विभाग का मामला है। उस पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी – नीरनिधि नंदेहा, एसडीएम चांपा।

🔴 श्री हनुमान व्यायाम शाला भवन पर तोड़फोड़ करने की शिकायत नहीं आई है। शायद थाने में इस तरह का मामला आया है, लेकिन कागज नहीं देखा हूं। दोनों पक्षों को वैध दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने को कहा गया है। यह मामला न्यायालय में पेंडिंग होने की मौखिक जानकारी मिली है। लिखित में कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ है – यदुमणि सिदार,एसडीओपी चांपा।

Related Articles