जांजगीर-चांपा। पैसा दोगुना का झांसा देकर लोगों से करीब ढाई करोड़ रुपए ठगी करने वाला आरोपी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सर्व विजय अग्रवाल ने 7 साल कठिन कारावास की सजा सुनाई है साथ ही अर्थदंड से भी दंडित किया गया।अभियोजन के अनुसार गरिमा रियल एस्टेट एंड एलाईड लिमिटेड कंपनी लायंस चौक चांपा कार्यालय से कंपनी के डायरेक्टर आरोपी बनवारी लाल व अन्य आरोपियों द्वारा रकम दोगुना करने का झांसा दिया जाता था।
प्रलोभन देकर प्रार्थी दिलचंद देवांगन को 5 हजार रुपए 7 जुलाई 2010 को जमा कराया था। आरोपी ब्रांच मैनेजर बनवारी लाल व अन्य आरोपियों द्वारा प्रार्थी व क्षेत्र के कई निवेशकों से एजेंटों के सहयोग से करीब 2 करोड़ 67 लाख रुपए 48 हजार रुपए जमा कराई गई थी। इस पॉलिसी का बांड पेपर दिया गया था।आरोपी षडयंत्र पूर्णक मैच्यूरिटी अवधि पूर्ण होने के पहले जिन निवेशकों का मैच्यूरिटी अवधि पूर्ण हो रहा था। उनका बांड पेपर जमा कराकर चांपा कार्यालय को बंद कर भाग गया।काफी प्रयास करने के बाद भी प्रार्थीव अन्य निवेशकों को जमा की गई राशि वापस प्राप्त नहीं हुआ। इस संबंध में प्राथीं दिलचंद देवांगन की रिपोर्ट थाना जांजगीर में धारा 409,420, 34 व चिटफंड एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए प्रकरण विवेचना में लिया गया। संपूर्ण विवेचना के बाद अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।जिसमें विचार किया गया वकि आरोपी के खिलाफ कोई पूर्व अपराध प्रमाणित नहीं है। उसका प्रथम अपराध है। आरोपी के द्वारा योजनाबंद्ध तरीके से क्षेत्र के भोले-भाले लोगों को पांच साल में रकम दोगुना करने का झांसा देकर कंपनी में रकम जमा कराकर कंपनी कार्यालय बंद कर भाग गया था।इससे प्रमाणित होता है कि यह गंभीर अपराध है। इसलिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सर्व विजय अग्रवाल ने राजस्थान के धौलपुर जिला के कोलाटी थाना के गांव जमालपुर निवासी बनवारी लाल कुशवाहा पिता माधो सिंह (38) को धारा 420 के तहत अपराध में 7 साल कठिन कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही 30 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड की राशि नहीं पटाने पर 1 वर्ष अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश दिया गया। अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक अधिकारी नंद कुमार पटेल ने पैरवी की।