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12 वर्षों बाद शिक्षकों को मिली बड़ी राहत, 3000 शिक्षकों को मिली प्राचार्य पदोन्नति , शिक्षक संघ ने जताया मुख्यमंत्री का आभार

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जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ के शिक्षकों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक और अत्यंत हर्ष का रहा। राज्य में पिछले 12 वर्षों से लंबित प्राचार्य पदोन्नति की प्रक्रिया आखिरकार पूरी हो गई। हाईकोर्ट द्वारा स्टे हटाए जाने के बाद प्रदेशभर में लगभग 3000 शिक्षकों को प्राचार्य पद पर पदोन्नति दी गई, जिससे शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई।

छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष श्री संजय ठाकुर एवं जिलाध्यक्ष श्री टिकेश ठाकुर ने बताया कि वर्ष 2013 के बाद से राज्य में किसी भी शिक्षक को प्राचार्य नहीं बनाया गया था, जिससे 90% हाई स्कूल बिना संस्था प्रमुख के संचालित हो रहे थे। इसका प्रभाव शैक्षणिक गुणवत्ता और अनुशासन पर प्रतिकूल रूप से पड़ रहा था।

संघ के अनुसार, वर्षों से योग्य शिक्षक पदोन्नति की प्रतीक्षा करते-करते सेवानिवृत्त या दिवंगत हो चुके थे। शिक्षक संघ द्वारा लगातार की गई मांगों और मुख्यमंत्री से हुई सारगर्भित चर्चा के बाद शासन ने सकारात्मक पहल करते हुए 30 अप्रैल 2024 को आदेश जारी किया। हालांकि कुछ याचिकाओं के चलते यह प्रक्रिया थम गई थी, लेकिन अब स्टे हटने के बाद सभी अड़चनें दूर हो गई हैं।छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव, संचालक और पूरी शासन व्यवस्था का आभार जताते हुए मांग की है कि आगामी पदस्थापन में पारदर्शिता रखी जाए और किसी प्रकार के भ्रष्टाचार पर रोक लगे।

इस निर्णय पर आभार जताने वालों में संगठन के प्रमुख पदाधिकारी ओंकार सिंह, उमेश भारती गोस्वामी,मनोज राय, डॉ. अशोक गुप्ता,भुवनेश्वर देवांगन, टेकराम सेन, प्रमोद हंसराज, विजय थवाईत, राजेन्द्र जायसवाल, डॉ. रविन्द्र द्विवेदी, जय तिवारी, अभिषेक काल्विन समेत अनेक पदाधिकारी और शिक्षक सम्मिलित रहे।

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