धर्म की अवमानना करने पर किसी भी व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की भी अवनति होती है : राजेन्द्र महाराज..
जांजगीर चांपा। धर्म की अवमानना करने पर किसी भी व्यक्ति समाज और राष्ट्र की भी अवनति होती है । सभी वेद पुराण और ग्रंथों का एक ही संदेश है, जीवो पर दया और सबके लिए हित की कामना।
यह उद्गार बिर्रा में आयोजित संगीत मय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन देवहूति कपिल संवाद का वर्णन करते हुए व्यासपीठ से छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कथा वाचक आचार्य राजेंद्र महाराज ने प्रकट किया तीसरे दिन की कथा प्रसंग में दक्ष यज्ञ वृतांत तथा सती का अग्नि कुंड में समा जाना , और भक्त प्रहलाद पर भगवान नरसिंह नाथ की कृपा की कथा का विस्तार से वर्णन करते हुए बताया कि जीवन में आशा ही दुख का कारण बन जाता है , इसलिए जो प्राप्त है वह पर्याप्त है। आशा और उम्मीद पूरा नहीं होने पर अति निराशा होने के कारण नुकसान होता है । भगवान शिव की धर्मपत्नी सती के मन में बड़ी आशा थी की पिता के घर में बड़ा सम्मान और प्रेम मिलेगा किंतु यज्ञ स्थल में अपने पति भगवान शिव का कोई स्थान और सम्मान ना देखकर सती अपने पिता प्रजापति दक्ष को धिक्कार ते हुए अग्नि कुंड में कूद गई।
भगवान हमेशा ही अपने भक्तों के वशीभूत है और भगवान का कोई भक्त ही भगवान को सातवें आसमान से नीचे उतार सकता है , भक्त प्रहलाद ने अपने पिता के पूछने पर कह दिया कि मेरे भगवान नारायण तो खंभे में भी है वह सर्वत्र हैं , तब भगवान नारायण को अलौकिक नरसिंह नाथ के रूप में खंभे से ही प्रकट होना पड़ा , और उन्होंने सनातन धर्म के दुश्मन हिरण्यकश्यप नाम के दानों का अपने हाथों से वध कर धरती को पाप के भार से मुक्त किया था । आचार्य ने बताया की पूर्व में भी वैदिक और पौराणिक मान्यता के आधार पर सनातन धर्म को नुकसान और नाश करने के लिए कई प्रयास हिरण्यकश्यप जैसे दानों के द्वारा किया गया , वर्तमान परिस्थिति में हमारे देश में भी सनातन धर्म को नुकसान करने का षड्यंत्र चल ही रहा है , इसलिए हम सभी को अपने धर्म के प्रति आस्थावान बने रहकर धर्म पालन करने की नितांत आवश्यकता है , अपने धर्म पर गौरव करते हुए धर्म की रक्षा भी हम सब मिलकर करें । इस अवसर पर क्षेत्र के अनेक ग्रामों से कथा श्रवण करने श्रोताओं की भीड़ उमड़ रही है । श्रोताओं को प्रतिदिन सरस कथा प्रसंग के साथ मधुर संकीर्तन और दृष्टांत का आनंद जीवंत झांकियों के साथ प्राप्त हो रहा है । इस अवसर पर कथा श्रवण करने पंडित गीता प्रसाद मिश्रा ,, मनोज कुमार तिवारी , चित्रभानु पांडे , जितेंद्र कुमार तिवारी , सहित अनेक श्रोता उपस्थित थे । श्रीमद्भागवत महोत्सव के आयोजक श्रीमती लक्ष्मी देवी घनश्याम कश्यप द्वारा कथा श्रवण करने की अपील की गई है।