जांजगीर-चांपा। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शाखा चांपा में चौतरफा अव्यवस्था का आलम है। पहले तो बैंक के अंदर किसानों को लाइन में लगकर पैसे निकालने की सुविधा नहीं है तो वहीं बाहर पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से किसानों की बाइक बीच सड़क में खड़ी रहती है। इससे लोगों को आवागमन करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां तीसरी बड़ी समस्या किसानों को भुगतान की है। किसानों को 25 हजार से अधिक रकम का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसके चलते किसानों को रोज-रोज बैंक का चक्कर काटना पड़ रहा है। जिम्मेदारों को इन समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित बैंक की जितनी भी शाखाएं हैं सभी शाखाओं में अव्यवस्था का आलम है। सबसे अधिक परेशानी जिला मुख्यालय की शाखा है तो दूसरी शाखा चांपा में किसानों को बैंक से पैसे निकालने के लिए नाक रगडऩे पड़ जाते हैं। दरअसल, बैंक की इन शाखाओं में सबसे बड़े किसान इन दिनों धान बिक्री की रकम निकालने में परेशान रहते हैं। छोटे किसान तो अपनी धान बिक्री की रकम निकालने 25 हजार तक सीमित रहते हैं। वहीं दूसरी ओर उन बड़े किसानों को तब परेशानी होती है जब किसानों को एक दिन में मात्र 25 हजार रुपए का भुगतान होता है। ऐसे में बड़े किसानों को हर रोज बैंक में पैसे निकालने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
रसूखदारों को हर तरह का भुगतान – चांपा का यह बैंक बेहद विवादित माना जा रहा है। क्योंकि इससे पहले केसीसी लोन निकालने में विवादों में सामने आया था। इसके चलते एक कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया गया था। वहीं यहां के ब्रांच मैनेजर का भी अन्यत्र स्थानांतरण कर दिया गया। इसके बाद भी यहां अव्यस्था बरकरार है। लेकिन जिला प्रशासन इससे हल्के में ले रहा है। किसानों की समस्या से जिला प्रशासन को कोई सरोकार नहीं है।
बैंक में पर्याप्त पैसे नहीं होने की वजह से प्रत्येक किसानों को 25 हजार रुपए ही भुगतान किया जा रहा है। जरूरतमंद किसी किसी बड़े किसानों को 50 हजार रुपए भुगतान किया जा रहा है – रश्मि गुप्ता, ब्रांच मैनेजर शाखा चांपा।