जिले में शिक्षक युक्तियुक्तकरण में भारी अनियमितता: शिक्षकों में आक्रोश, दोषियों पर कार्रवाई की मांग …

जांजगीर-चांपा। जिले में शिक्षक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों की खुलेआम अनदेखी और शासन के नियमों का उल्लंघन सामने आया है। छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के दिनांक 02 अगस्त 2024 के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद जांजगीर-चांपा जिले में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में लापरवाही और मनमानी बरती गई, जिससे सैकड़ों शिक्षक मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं।
शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक विद्यालयों की अनदेखी – जिले में कुल 435 अतिशेष शिक्षकों में से केवल 253 रिक्त पद दिखाए गए, जबकि शेष पदों को जानबूझकर प्रकाशित नहीं किया गया। यह स्पष्ट रूप से युक्तियुक्तकरण के नियमों का उल्लंघन है। 109 शिक्षकों को गलत तरीके से जिले से बाहर भेजा गया – कई पूर्व माध्यमिक शालाओं में आवश्यक शिक्षक संख्या पूरी नहीं होने के बावजूद अतिरिक्त शिक्षक पदस्थ नहीं किए गए, जबकि इन शिक्षकों को जिले से बाहर अन्य जिलों में भेजा गया है।

रिक्त पदों की जानकारी छुपाई गई – जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा संभागीय कार्यालय को जो रिक्त पद सूची भेजी गई, उसमें दर्ज संख्या की जानकारी नहीं दी गई, जिससे अधिक दर्ज संख्या वाले विद्यालयों को वंचित कर कम दर्ज संख्या वाले विद्यालयों को प्राथमिकता दी गई।
विषय के अनुसार गलत समायोजन – कला विषय के शिक्षक को हिन्दी पढ़ाना, हिन्दी के शिक्षक को कला, तथा अंग्रेजी विषय में भी इसी तरह के अनुचित समायोजन किए गए, जिससे शिक्षकों की योग्यता और विषय विशेषज्ञता की अनदेखी हुई।

शिक्षक संगठनों की मांग – शिक्षकों ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा है कि जिला एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा जानबूझकर गड़बड़ियां की गई हैं। उन्होंने इस विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण को तत्काल निरस्त करने और अन्य जिलों में भेजे गए 109 शिक्षकों को पुनः जांजगीर-चांपा में पदस्थ करने की मांग की है।