निराश्रित एवं घुमंतु गौवंश के संरक्षण हेतु गोधाम योजना: इच्छुक संस्थाओं से 30 सितम्बर तक आवेदन आमंत्रित …


जांजगीर-चांपा। निराश्रित, घुमंतु तथा कृषिक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 (यथा संशोधित), कृषिक पशु परिरक्षण अधिनियम 2014 अंतर्गत जब्त गौवंश के पशुओ के संरक्षण, संर्वधन एवं विस्थापन हेतु छ.ग. शासन द्वारा गौधाम योजना का शुभारंभ किया गया है।


उप संचालक पशुचिकित्सा सेवाये जांजगीर ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत ऐसी शासकीय भूमि जिसमे सुरक्षित बाडा, पशु शेड, पर्याप्त पानी की सुविधा, बिजली तथा हरा चारा उत्पादन हेतु चारागाह की भूमि की सुविधा होगी, उसमे जिला प्रशोसन के प्रस्ताव पर छ.ग. राज्य गौसेवा आयोग की स्वीकृति उपरांत चयनित संस्था को गोधाम की स्थापना हेतु स्वीकृति प्रदान की जाएगी। उक्त योजना के तहत प्रथम चरण मे प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास ग्रामीण क्षेत्रो मे गौधाम की स्थापना किया जाना है। गौधाम के संचालन हेतु चिन्हांकित भूमि के समीप पंजीकृत गौशाला समिति द्वारा सहमति व्यक्त करने पर छ.ग. राज्य गौसेवा आयोग की क्रियान्वयन समिति के द्वारा प्राथमिकता पर लिया जावेगा तथा इच्छुक स्वयंसेवी संस्था (एन.जी.ओ.), ट्रस्ट, फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी, सहकारी समिति द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड मे गौधाम संचालन हेतु आवेदन निर्धारित प्रारूप मे प्रस्तुत करेगे एवं परीक्षण उपरांत जिला प्रशासन चयनित संस्था का नाम छ.ग. राज्य गौसेवा आयोग को गोधाम स्थापना अनुमोदन हेतु प्रस्तुत करेंगे।
उन्होंने बताया कि गोधाम के संचालन हेतु गौसेवा, पशु नस्ल सुधार एवं संचालन के क्षेत्र मे संलग्न संस्थाओ को प्राथमिकता दी जावेगी। गौधाम योजना के विस्तृत नियमावली के संबंध मे कार्यालय मे संपर्क किया जा सकता है। छ.ग. शासन की उक्त महत्वाकांक्षी योजनांतर्गत “रूचि की अभिव्यक्ति” के तहत गोधाम संचालन हेतु इच्छुक स्वयंसेवी संस्था (एन.जी.ओ.), ट्रस्ट, फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी, सहकारी समिति द्वारा 30 सितम्बर 2025 तक आवेदन कर सकते है।