

जांजगीर-चांपा। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम खोखरा के धान खरीदी केंद्र में गुरुवार सुबह अव्यवस्था स्पष्ट रूप से देखने को मिली। केंद्र के मुख्य गेट पर ताला लटका हुआ था, जबकि कई किसान अपने धान पंजीयन संबंधी कार्य करवाने पहुंचे थे। कंप्यूटर ऑपरेटर के अनुपस्थित रहने के कारण किसानों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा।

खरीदी शुरू, प्रशासन ने दिए थे स्पष्ट निर्देश – खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू हो चुकी है। इसी कड़ी में कलेक्टर जन्मेजय महोबे लगातार उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण कर कर्मचारियों को निर्देशित कर रहे हैं कि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो और खरीदी प्रक्रिया पारदर्शी, समयबद्ध और सुचारु रूप से संचालित की जाए।कलेक्टर ने बारदाना उपलब्धता, इंटरनेट सुविधा, पेयजल, छाया, बिजली, चबूतरा और पहुंच मार्ग जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए कहा था कि शासन के निर्देशों के अनुसार सभी केंद्रों में व्यवस्था सुचारु रहनी चाहिए।
कलेक्टर के निर्देशों के विपरीत मिली स्थिति – खोखरा खरीदी केंद्र में हालत बिल्कुल उलट थी। किसानों के अनुसार यहाँ का कंप्यूटर ऑपरेटर अक्सर अनुपस्थित रहता है। ग्रामीणों ने बताया कि ऑपरेटर स्थानीय होने की वजह से मनमर्जी से केंद्र छोड़कर चला जाता है, जिससे पंजीयन सहित अन्य कार्यों में देरी होती है और किसान परेशान होते हैं।किसानों ने कहा, “यहाँ ऑपरेटर हमेशा नदारद ही रहता है। पंजीयन कराने घंटों इंतजार करना पड़ता है, कई बार लौटना भी पड़ जाता है।”
किसानों ने ऑपरेटर बदलने की मांग की – किसानों ने लंबे समय से पदस्थ इस ऑपरेटर को स्थानांतरित करने और इसकी जगह नए एवं जिम्मेदार कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति की मांग की है, ताकि खरीदी प्रक्रिया प्रभावित न हो और किसानों को समय पर आवश्यक सुविधा मिल सके।कृषि सीजन के बीच खरीदी केंद्र का ताला बंद मिलना प्रशासनिक लापरवाही की ओर संकेत करता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।





