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अब डिप्लोमा सर्टिफिकेट और कॉसन मनी देने में आनाकानी, 2019 से पास हुए छात्रों को नहीं मिला लाभ, IIHT में लापरवाही चरम पर…

जांजगीर-चांपा। भारतीय हाथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान में लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। अब डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रदान करने में आनाकानी की जा रही है। पता चला है कि वर्ष 2019 से 2021 तक तीन बैच पास होकर निकल चुका है, लेकिन इन्हें अब तक डिप्लोमा सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है। इसके साथ ही कॉसन मनी देने में भी लापरवाही बरती जा रही है। यहां के प्राचार्य को कोई अव्यवस्था या लापरवाही नजर ही नहीं आती, जिसके चलते इस कॉलेज का भगवान ही मालिक है।

डेढ़ दशक पहले जब चांपा में देश का सातवां व प्रदेश का पहला भारतीय हाथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान प्रारंभ हुआ तो सभी ने इसे बड़ी उपलब्धि माना। यहां तक पक्ष व विपक्ष में श्रेय लेने की होड़ भी मची। इसके बाद इस संस्थान के लिए करोड़ों की लागत से भवन भी सेंशन हुआ। लछनपुर गांव में इस संस्थान के लिए आलीशान भवन बनाया गया है, जहां संस्थान, हॉस्टल आदि संचालित है। जिले को बड़ी उपलब्धि मिलने के बाद इसे अपने हाल पर छोड़ दिया गया। यहां प्राचार्य भी प्रभारी ही है, जिसके चलते यहां रामराज स्थापित हो गया है। लापरवाही चरम पर है, जिसके चलते शिक्षा का स्तर शून्य है। यही वजह है कि हर साल यहां से एक या दो बच्चे ही पास हो पा रहे हैं। फिर भी इस कॉलेज और बच्चों की चिंता किसी को नहीं है। अभी लापरवाही का एक और मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कॉलेज में 2019, 2020 और 2021 का बैच पास होकर निकल गया है। इसके बावजूद अब तक इन्हें डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रदान नहीं किया गया है। जबकि खबर मिल रही है कि इनके समकक्ष जोधपुर, वाराणसी, बरगढ़ के छात्रों को डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्राप्त भी हो गया है। यहां के जिम्मेदारों को पूछने पर हर बार हस्ताक्षर नहीं होने का हवाला दिया जाता है। इसी तरह इस कॉलेज से पास होकर निकल चुके कुछ छात्रों ने बताया कि 2019 से पास आउट हुए छात्रों को आजतक उनका “कॉशन मनी“ नहीं दिया गया है। नियमानुसार यहां पासआउट होने के बाद हॉस्टल, लाइब्रेरी, प्रैक्टिकल लैब से नो ड्यूस लेने के बाद चार हजार रुपए दिया जाना चाहिए। छात्रों को उन्हीं के रुपए देने में आनाकानी करने के पीछे मंशा सही होने की उम्मीद कम ही है। वर्ष 2017 बैच के छात्रों का कहना है कि उन्हें भी अब तक उनका“ कॉशन मनी नहीं दिया गया है।

हो जाएगा दूध का दूध, पानी का पानी
शैक्षणिक भ्रमण के नाम पर प्रति छात्र एक हजार रुपए लिए जाने का मामला जब प्रकाश में आया तब कॉलेज प्रबंधन में हड़कंप मच गया। कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य का कहना था कि किसी भी छात्र से रुपए नहीं लिया गया है, जबकि हमारे पास पुख्ता जानकारी है कि फोनपे नंबर 9827900339 में कॉलेज के छात्रों से रुपए लिया गया है। यदि इस नंबर का बैंक इस्टेटमेंट निकाला जाए, तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। लेकिन ऐसा करने वाला कोई नहीं है। इतना ही नहीं, प्रभारी प्राचार्य के अनुसार भ्रमण में जाने वाले छात्रों को 400-400 रुपए देने के दावों की भी पोल खुलती दिख रही है। छात्रों का कहना है कि उन्हें दो सौ से ढाई सौ रुपए ही दिया जा रहा है। इसमें भी डंडी मारी जा रही है।

जिम्मेदारों को लेना चाहिए संज्ञान
भारतीय हाथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान लछनपुर चांपा में ज्यादातर गरीब तबके के लोग तालीम ले रहे हैं। यहां डिप्लोमा सर्टिफिकेट के लिए किस तरह पैसों की व्यवस्था कर पढ़ाई करते होंगे ये वही जानते हैं। इसके बाद भी वो फेल हो तो उनका क्या हाल होगा समझा जा सकता है। पिछले दो तीन सालों से यहां एक दो ही पास हो रहे हैं, जबकि अन्य सभी फेल। इसके बाद भी इसकी चिंता किसी को नहीं है। वहीं प्रभारी प्राचार्य इसके लिए बच्चों को जिम्मेदार ठहराना चाहिए। इतना ही नहीं, यहां प्राचार्य तो रहते नहीं है, जिसके चलते स्टाफ की लापरवाही चरम पर है। इस संस्थान में कलेक्टर, खादी विभाग के अफसर, विधायक, विपक्ष के जनप्रतिनिधि, मीडिया सहित जिम्मेदारों को समय-समय पर निरीक्षण करने की जरूरत है, ताकि यहां शिक्षा का स्तर सुधर सके और जिले को मिली इस उपलब्धि का सार्थक परिणाम निकल सके।

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