शांति जीडी व भू दलालों पर लगा गंभीर आरोप, 4 एकड़ कृषि भूमि को हड़पने की तहसीलदारर चांपा से की गई शिकायत…
जांजगीर-चांपा। शांति जीडी पावर प्लांट में किसान की चार एकड़ भूमि अधिग्रहण के बाद भी उचित लाभ नहीं मिल सका, जिसके चलते किसान बीते 14 सालों से न्याय का गुहार लगा रहा है। दलालों ने औने पौने दाम में किसान को जमीन थमा दिया और मिले लाभ को किसान के बजाय खुद हड़प लिया। शासन प्रशासन भी किसान की नहीं सुन रहा है।
चांपा तहसील के ग्राम पंचायत महुदा निवासी सुखीराम चौहान को शासन की योजना के तहत 4 एकड़ भूमि जीवकोपार्जन के लिए वर्ष 1929-30 में दिया गया था। अतिरिक्त कलेक्टर बिलासपुर ने वर्ष 1976 में काबिज कास्त घोषत किया था। इस कारण सुखीराम के परिवार का कृषि कार्य उसी भूमि में चल रहा था। सुखीराम चौहान की मौत के बाद उस में भूमि में पुत्र गणेशराम चौहान अपना जीवकोपार्जन करता था। इधर, वर्ष 2007-08 में शांति जीडी पावर इस्पात प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना के लिए ग्राम महुदा में मुनादी की गई और भूमियों का चिन्हांकन किया गया। इसमें गणेशराम चौहान 4 एकड़ भूमि भी शामिल थी। शिकायत के मुताबिक, गणेश राम चौहान की 4 एकड़ कृषि भूमि को भू दलाल गोपी राठौर, रामजी राठौर व नरेद्र साहू ने प्लांट प्रबंधन के साथ मिलकर दस्तावेजों में कूटरचना करके हड़प लिया। इधर, गणेश राम चौहान की दयनीय स्थिति को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता गनपत शर्मा ने गणेशराम को न्याय दिलाने का जिम्मा अपने कंधों पर उठाया है। गनपत शर्मा ने बताया कि गणेशराम चौहान एक सीधा साधा, भोला भाला इंसान हैं, जिसे दलालों ने अमीर बनने का सपना दिखाया। उसे शराब पिलाकर कृषि भूमि के कागजात को अपने पास रख लिया। गणेशराम चौहान उनके बहकावे में आ गया और रोज दलालों के साथ बैठने लगा। गनपत शर्मा का कहना है कि शासन की नीतियों के अनुरूप जमीन अधिग्रहण प्रकिया का पालन ना करते हुए शांति जीडी पावर कंपनी ने जमीन दलालों के साथ मिलकर किसानों की जमीन को जबरन अधिग्रहण किया है। जो फायदा किसानों को मिलना चाहिए, वह फायदा जमीन दलालों को दिया गया हैं। गनपत शर्मा ने कहा कि पुनर्वास नीति के तहत गणेशराम चौहान को मकान, रोजगार आदि की सुविधा दिया जाना चाहिए था, जबकि प्लांट प्रबंधन नेऐसा कुछ भी नहीं किया। गणेश राम चौहान को मुआवजा भी नहीं दिया गया और ना ही 14 सालों में रोजगार दिया गया। दर दर की ठोकर खाने के बाद गनपत शर्मा के प्रतिनिधित्व में न्याय के लिए गणेशराम चौहान ने तहसीलदार के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया है, जिसमें उसने शासन से अपनी जमीन का मुआवजा एवं रोजगार की मांग की है। साथ ही अपनी कृषि भूमि पर दस्तावेजो के साथ कूटरचना करने पर पर जमीन दलालों व प्लांट प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का मांग की है।