

🔴 विश्व बाल दिवस पर कक्षा 11वीं की कु. दीक्षा सारथी बनीं प्रतीकात्मक कलेक्टर। महीने में एक दिन बिना मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट-किताबों, लाइब्रेरी और स्पोर्ट्स से जुड़ने दीक्षा ने की डिजिटल फास्टिंग अपील। प्लास्टिक मुक्त जिला और एक पेड़ माँ के नाम अभियान को जन-आंदोलन बनाने एवं लगाये गए पौधों के देखरेख का आह्वान…

जांजगीर-चांपा। विश्व बाल दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन एवं यूनिसेफ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में ज्ञान मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नवागढ़ के कक्षा 11वीं की छात्रा कु.दीक्षा सारथी को 15 मिनट के लिए कलेक्टर श्री जन्मेजय महोबे द्वारा प्रतीकात्मक कलेक्टर की जिम्मेदारी सौंपी गई। कु.दीक्षा ने छात्र-छात्राओं, युवा पीढ़ी एवं जिलेवासियो से तीन महत्वपूर्ण सुझाव रखे, जिनकी सभी अधिकारियों और उपस्थितजनों ने सराहना की।
महीने में एक दिन डिजिटल फास्टिंग करें – दीक्षा कु.दीक्षा ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी मोबाइल और स्क्रीन के अधिक उपयोग से मानसिक थकान और परिवार से दूरी का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि महीने में एक दिन पूरी तरह स्क्रीन-फ्री डे मनाएं, इस दौरान लाइब्रेरी जाएं, प्रेरणादायी किताबें पढ़ें, खेलकूद और आउटडोर गतिविधियों में भाग लें माता-पिता, दादा-दादी और परिवार के साथ समय बिताएं। उन्होंने कहा कि यह पहल मानसिक स्वास्थ्य, सकारात्मक सोच और एकाग्रता बढ़ाने में बेहद मददगार होगी।
प्लास्टिक मुक्त जिला – हर घर से कपड़े का थैला निकले – कु. दीक्षा ने जिले को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए सभी नागरिकों से सहयोग मांगा। उन्होंने अपील की कि बाजार जाते समय हमेशा कपड़े, जूट या कागज का थैला साथ रखें। सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह बंद करें। उन्होंने कहा कि हर नागरिक की छोटी पहल मिलकर एक बड़े बदलाव का रूप ले सकती है।
एक पेड़ माँ के नाम – अपनत्व से जुड़ा पर्यावरणीय संदेश – कु. दीक्षा ने कहा कि हर नागरिक अपनी माँ के नाम पर एक पौधा लगाए और उसके संरक्षण का संकल्प ले। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष कम से कम एक पौधा माँ के नाम से लगाएं तथा लगाए गए पौधों की नियमित देखभाल करें एवं अधिक हरियाली बढ़ाने के लिए साथियों को भी प्रेरित करें।

कलेक्टर ने दीक्षा को दी बधाई, सभी बच्चों को दी शुभकामनाएं – कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने दीक्षा सारथी की सोच और नेतृत्व क्षमता की सराहना करते हुए उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि बच्चों की सृजनात्मक सोच समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की सबसे बड़ी ताकत है। कलेक्टर ने सभी बच्चों को विश्व बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी।





