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दिव्यांग बच्चों के लिए बाल दिवस बन गया खास,कलेक्टर और एसपी ने मुँह में घोल दी मिठास …

जांजगीर-चाम्पा बच्चे मन के सच्चे, सारे जग के आँख के तारे। कुछ इन्हीं संवेदनशीलताओं के साथ जिले के कलेक्टर और एसपी आज अचानक से शासकीय बहुदिव्यांग विद्यालय सह छात्रावास में मानसिक रुप से निशक्त बच्चों के बीच बाल दिवस मनाने पहुँच गए। ठीक से बोल, सुन और चल नहीं पाने वाले बच्चों को जब कलेक्टर और एसपी के हाथों चाकलेट, मिठाईयां, गिफ्ट सहित प्रथम प्रधानमंत्री स्व जवाहरलाल नेहरू के प्रिय गुलाब के फूल मिले तो उन्हें एक अलग ही सम्बल मिला। इस दौरान दिव्यांग बच्चों की खुशियां देखते ही बन रही थी। सभी अपने-अपने तरीकों से कलेक्टर और एसपी का विशेष भावनाओं के साथ मिठास की खुशियों को एक अलग अंदाज में अभिव्यक्त कर रहे थे। देश के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले बाल दिवस का यह खास दिन जांजगीर-चाम्पा जिले के दिव्यांग स्कूल के विद्यार्थियों के लिए बहुत खास और यादगार रहा। जिले के संवेदनशील कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा और पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ग्राम पेंड्री में संचालित दिव्यांग विद्यालय में अचानक गिफ्ट और मिठाइयों के साथ पहुँचे। विशेष बच्चों को देखकर उनसे हाथ मिलाते हुए कलेक्टर और एसपी ने खुद को भी भावनात्मक तरीकों से जोड़ने की भी कोशिश की। विद्यालय में अलग-अलग प्रकार के मानसिक और शारीरिक रूप से दिव्यांग बच्चों के साथ संवाद स्थापित करने की कोशिशों के साथ कलेक्टर और एसपी ने अपने साथ लाए चॉकलेट, मिठाईयां, गिफ्ट, गुब्बारे और गुलाब के फूल बच्चों को भेंट किए। इस दौरान इन बच्चों के खुशियों का भी ठिकाना न था। मिठाई और उपहार पाकर वे खुशियों से झूम रहे थे। कलेक्टर और एसपी ने सभी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए बाल दिवस की शुभकामनाएं दी। यहाँ मौजूद समाज कल्याण विभाग के उप संचालक टी पी भावे ने बताया कि अतिथियों के हाथों उपहार और मिठाई के साथ मिले प्यार-दुलार ने इनके मन में एक अलग ही अपनेपन का भाव विकसित किया है। उन्होंने बताया कि दिव्यांग आवासीय विद्यालय में विशेष बच्चे पढ़ाई करते हैं। यहाँ प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा उन्हें समाज के समरूप व्यवहार तथा मानसिक और शारिरिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ाने प्रयास किया जाता है। बाल दिवस के दिन कलेक्टर और एसपी द्वारा विद्यालय आकर बच्चों के साथ कुछ पल बिताना उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है।

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दिव्यांग विद्याालय व छात्रावास का कायाकल्प करने कलेक्टर ने दिखाई थी रुचि बाल दिवस के बहाने यहाँ पहुँचे कलेक्टर ने दिव्यांगों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के साथ उन्हें आगे बढ़ाने के लिए राज्य शासन के मंशा अनुरूप प्रदेश के तीसरे शासकीय बहुदिव्यांग विद्यालय सह छात्रावास का कायाकल्प करने में विशेष रुचि दिखाई है। अनेक सुविधाओं से वंचित इस विद्यालय में जब कलेक्टर पहली बार गए थे तब उन्होंने दिव्यांग बच्चों की न सिर्फ संवेदनशीलता को महसूस किया था, अपितु उनकी जरूरतों और कमियों को भी महसूस करते हुए समाज कल्याण विभाग के अधिकारी को तत्काल ही यहां के टॉयलेट से लेकर बाहरी परिसर को संवारने और अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए थे। दिव्यांगों के हितों का ख्याल रखने वाले कलेक्टर ने आज विद्यार्थियों को प्रदान किए जा रहे सुविधाओं का बारीकी से निरीक्षण भी किया। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चे हमारे ही समाज के अंग है। शासन द्वारा विद्यालय संचालित किया जा रहा है, ऐसे में उन्हें विद्यालय में उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप सुविधाएं मिलनी चाहिए। यह हमारे जिले के लिए गौरव की भी बात है कि ऐसे विद्यालय और छात्रावास यहां संचालित है। कलेक्टर और एसपी ने यहाँ कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी ली और पुलिस वेरिफिकेशन के भी निर्देश दिए।

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