नपाध्यक्ष जय थवाईत ने दी क्षेत्रवासियों को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं …

चांपा। नगर पालिका अध्यक्ष जय थवाईत ने क्षेत्रवासियों को गुरु पूर्णिमा की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। श्री थवाईत ने गुरु पूर्णिमा पर के शुभ अवसर पर कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरू को सर्वाेच्च स्थान दिया गया है।
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भारत में गुरु पूर्णिमा मनाने की परम्परा रही है। इस दिन गुरुओं के अमूल्य ज्ञान और मार्गदर्शन के प्रति सम्मान और आभार प्रकट किया जाता है। गुरु जीवन में अज्ञानता के अंधकार को मिटाकर ज्ञान की रोशनी लेकर आते हैं। उन्होंने कहा कि गुरुओं द्वारा दी गई अमूल्य शिक्षा को जीवन में आत्मसात कर हमें आगे बढ़ना चाहिए।
नपाध्यक्ष जय थवाईत ने कहा कि बिना गुरु के ज्ञान प्राप्त करना सम्भव नहीं है।गुरु के आशीर्वाद से सभी सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं।शास्त्रों के अनुसार इस पूर्णिमा की तिथि पर महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, इसलिए व्यास पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा भी कहा जाता है। हमारी संस्कृति में गुरु को सर्वोच्च स्थान प्रदान किया गया है। गुरु को ब्रह्मा, विष्णु,महेश के समान बताया गया है। गुरु शिष्य को रचता है,इसलिए वह ब्रह्मा है। गुरु, शिष्य की रक्षा करता है, इसलिए वह विष्णु है। गुरु शिष्य के सभी दोषों का संहार करता है,इसलिए वह साक्षात महेश्वर है। हमें गुरु-पूजन पूरी आस्था और श्रद्धाभाव से करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। जीवन में गुरु के महत्व से भावी पीढ़ी को परिचित कराने के लिए यह पर्व आदर्श है। गुरु-पूजन का यह पर्व हमें सदद्मार्ग पर ले जाने वाले उन महापुरुषों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता अर्पित करने की प्रेरणा देता है,जिन्होंने अपने ज्ञान, त्याग और तपस्या से समाज, राष्ट्र और विश्व को नई राह दी है।