जांजगीर-चांपा। हलषष्ठी तिथि शनिवार को सुबह 7:51 बजे से शुरू कर रविवार को सुबह 5:30 बजे समाप्त होगी। संतान की मंगलकामना के लिए महिलाएं हलषष्ठी का व्रत शनिवार 24 अगस्त को रखेंगी। इस पर्व में जोताई किए बिना उगे धान के चावल (पसहर) के साथ छह प्रकार की भाजी और भैंस के दूध, दही, घी का उपयोग किया जाता है। इस दिन बलराम जयंती भी है।भादो माह के षष्ठी तिथि को हलषष्ठी मनाई जाती है। इस साल हलषष्ठी व्रत 24 अगस्त को सुबह 7:51 बजे से शुरू होगा और 25 अगस्त को सुबह 5:30 बजे तक रहेगा। कमरछठ पर्व को महिलाएं पूरे उत्साह के साथ मनाती है। हलषष्ठी पर्व पर माताएं पूजा करने के स्थान पर सगरी खोदकर भगवान शंकर एवं गौरी, गणेश को पसहर चावल, भैंस का दृूध, दही, घी, बेल पत्ती, कांशी,खमार, बांटी, भौरा सहित अन्य सामग्रियां अर्पित करती हैं।पूजन पश्चात माताएं घर पर बिना हल के सहारे उत्पादित अनाज पसहर चावल, छह प्रकार की भाजी को पकाकर प्रसाद के रूप में वितरण कर अपना उपवास तोड़ेंगी।अपनी संतान की मंगलकामना के लिए पीठ पर छूही का पोता लगाएंगी साथ ही इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई और शेषनाग के अवतार बलराम की जयंती भी है।इस दिन बलराम की पूजा हल के साथ की जाती है।
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