महादेव घाट की पहचान बनी गंदगी और बदबू, घाट में सदियों से चला आ रहा दशकर्म का अस्तित्व ही समाप्त, कई शिकायत के बावजूद सीएमओ की नहीं खुल रही आंखे …

चांपा। शहर विकास के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च किया जाता है, लेकिन धरातल पर लोगों को सुविधा के बजाय परेशानी ही नसीब हो रही है। नगरपालिका के पास हसदेव नदी के घाटों की साफ सफाई व कायाकल्प के लिए बजट का रोना है। यही कारण है शहर के प्रमुख घाटों में से एक महादेव घाट की हालत बद से बदतर हो गई है। मुक्तिधाम जाने की सड़क ने पहले ही दम तोड़ दिया है तो वहीं घाट में साफ सफाई की समस्या है। नाली की गंदगी और बदबू से लोगों का जीना मुहाल हो गया है।
चांपा का प्रमुख महादेव घाट से सैकड़ों लोगों का निस्तार होते आया है, लेकिन वर्तमान में घाट महज नाम का रह गया है। नाली की गंदगी और बदबू महादेव घाट की पहचान बन गई है। नाली का पानी हसदेव में जाकर नदी को प्रदूषित कर रहा है। नगरपालिका की बेरूखी से घाट की स्थिति जीर्ण शीर्ण है। कहने को तो नगरपालिका में भारी भरकम सफाई अमला है, जिस पर हर माह लाखों रुपए खर्च भी होता है। लेकिन गिने चुने जगहों को छोड़कर अन्य जगहों की कभी सफाई ही नहीं होती। इन्हीं में से एक हसदेव नदी के किसी भी घाट की कभी सफाई ही नहीं कराई जाती। विशेष अवसर या फिर सीएमओ पर दबाव बढ़ने की स्थिति में चुनिंदा घाटों की कभी कभार सफाई करा दी जाती है। यहां मुक्तिधाम से घाट पर मृत्यु उपरांत जो भी कार्य होता रहा है वो सीएमओ की लापरवाही से इस घाट में होना बंद हो गया है। बताया जाता है सड़क बनने के कुछ दिन बाद भी उसकी स्थिति जर्जर हो गई थी। ऐसी स्थिति में लोगों की परेशानी खासकर बारिश में और बढ़ जाती है। ऐसा नहीं है कि इन समस्याओं से नगरपालिका सीएमओ को अवगत नहीं कराया गया, लेकिन उन्होंने कभी भी इधर पलटकर नहीं देखा। यही वजह है कि महादेव घाट में निस्तार करने वाले और मुक्तिधाम तक पहुंचने वालों को कई तरह की दिक्कते हो रही है।
नगर के सोनार पारा, ब्राम्हण पारा, धोबी पारा, कसेर पारा अनेक मोहल्ले के लोग महादेव घाट में दशकर्म के कार्य के लिए आते है।नपा सीएमओ को घाट की दयनीय स्थिति के बारे में कई बार पार्षद एवं स्थानीय लोगों ने अवगत कराया है फिर भी उनको कोई सरोकार नही है।वे इस ओर ध्यान नही दे रहे है।नगर के लोग महादेव घाट की दयनीय स्थिति में निस्तार एवं अन्य कार्य करने को मजबूर है।स्थानीय लोगों का कहना है कि महादेव घाट की हालत इतनी बदतर आजतक नही हुई है पता नही इस ओर क्यो ध्यान नहीं दिया जा रहा है।