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हसदेव नदी के घाटों में भी सीएमओ की लापरवाही उजागर,नदी के विभिन्न घाटों में गंदगी और बदबू के बीच निस्तार करने मजबूर हैं शहरवासी …

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जांजगीर-चांपा। चांपा में नाली,सड़क के साथ ही नदी के घाटों में भी गंदगी सम्राज्य है।शहर की बड़ी आबादी आज भी हसदेव नदी में निस्तार करते है।लेकिन सीएमओ की लापरवाही से उन्हें गंदगी और बदबू के बीच निस्तार करने की मजबूरी है।पहले ही शहर के तालाबों का बुरा हाल है। ऐसे में लोग नगर पालिका की लापरवाही का खामियाजा भुगतने विवश है।

चांपा शहर से होकर जीवन दायिनी हसदेव नदी प्रवाहित होती है।नदी के पानी का उपयोग पेयजल और निस्तार के लिए किया जाता है।नगर पालिका ने लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए दो फ़िल्टर प्लांट और शहर में पाइप लाइन का विस्तार कराया है।अभी नदी के शनि मंदिर घाट,सोझी घाट,डोंगाघाट, रपटा घाट और इमली घाट में जाकर लोग नदी में निस्तार करते है।लेकिन उन्हें गंदगी और बदबू के बीच निस्तार करना जैसे कि उनका किस्मत बन गया है।पहले ही पूरे शहर की नालियों का गंदा पानी नदी में जाकर हसदेव को प्रदूषित कर रहा है।तो वही घाटों में गंदगी इतनी भयंकर है कि स्वयं नगर पालिका के अफसर वहां जाने तक की हिम्मत नहीं जुटा पाएंगे।पूरे शहर सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है।नदी के घाटों में कभी सफाई ही नही होती। लोगों को ये समझ नही आता जिन कर्मचारियों को सफाई का जिम्मा सौंपा गया है और इन्हें हर माह वेतन के तौर पर लाखों रुपए दिया जाता है फिर भी इनकी लापरवाही पर सीएमओ आखिर शिकंजा क्यों नहीं कस पा रहे है।क्योंकि नगर पालिका का मुखिया होने के नाते काम में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का अधिकार उन्हीं को है।फिर भी वो अपने इस अधिकार का उपयोग कर पाने में नाकाम है।जिसका खामियाजा नगरवासी भुगत रहें है।

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🔴 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम अधर में – सरकार ने शहर के नालियों के गन्दा पानी को सीधे नदी में प्रवाहित करने के बजाए फिल्टर करके साफ पानी नदी में छोड़ने के प्रोजेक्ट के लिए करीब 14 करोड़ की स्वीकृति दी है।इस राशि से हनुमान धारा मुक्तिधाम के पास से ढाई किलोमीटर नदी किनारे पाईपलाइन बिछाने का काम हो गया। घोघरा नाला फिल्टर प्लांट के पास रिसाइक्लिंग के लिए मशीन फिट करने का काम चल रहा है। इस कार्य के प्रभारी उप अभियंता देवेंद्र कैवर्त्य का कहना है कि प्रोजेक्ट का 85 फीसदी काम पूरा हो गया है।3 जनवरी 2025 तक इसका काम पूरा हो जायेगा। फ़िर लोगों को काफी हद तक नाली की गंदगी से मुक्ति मिल जाएगी।

🔴 घाटों में लापरवाही चरम पर – सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रोजेक्ट के तहत नदी किनारे बिछाई गई पाइप लाइन से शहर की नालियों को जोड़ा गया है।अभी शहर के नालियों का पानी पाइप में तो जा रहा है लेकिन बीच-बीच मे बने चेम्बर को खोलकर सफाई नही की जा रही है।पहले ही शहर के सभी नदी के घाट कूड़ेदान बने हुए है।ऊपर से इस तरह की लापरवाही से लोगों की समस्या काफी गम्भीर हो गयी है।लोगों का कहना है घाटों की यदि सप्ताह या पखवाड़े भर में भी साफ सफाई हो जाती तो भी लोगों को काफी हद तक राहत मिल सकती थी लेकिन नगर पालिका इस दिशा में कोई प्रयास नही कर रही है।

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मीडिया में खबर आने के बाद हुए जागरूक – नगर पालिका सीएमओ भोला सिंह ठाकुर का कहना है कि मीडिया में साफ सफाई को लेकर लगातार खबरें आने के बाद नगर पालिका जागरूक हुई है।शहर के विभिन्न वार्डों में साफ सफाई दुरुस्त कराने के लिए बनाए गए सभी प्रभारियों को नोटिस जारी किया गया है।नोटिस जारी होने के बाद कुछ प्रभारियों ने वार्ड में जाकर जायजा लिया है।नगर पालिका का हर कार्य उनका जिम्मा नही है।

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