चांपा। अटल बिहारी बाजपेयी ताप विद्युत संयंत्र में अधिग्रहित भूमि के भू-विस्थापितों को छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा भूमि का मुआवजा बहुत ही कम दाम पर 365000/- रूपये प्रति एकड़ की दर पर लिया गया साथ ही 2007 में पुर्नवास नीति बनाई गई थी। जिसमें भू-विस्थापितों के खातेदारों को नौकरी देने का वादा किया गया एवं सहखातेदारों को जब तक नौकरी नहीं मिल जाती तब तक जीवन निर्वहन भत्ता मनरेगा के बढ़ते दर पर देने का वादा किया गया था।आज दिनांक तक भू-विस्थापितों को नौकरी नहीं दी गई है और जीवन निर्वहन भत्ता भी बंद कर दिया गया है। जिसके कारण भू-विस्थापितों ने अपने संगठन मड़वा ताप विद्युत कामगार एवं भू-विस्थापित श्रमिक संघ एटक में अपनी समस्या को रख कर बैठक में चर्चा कर 14 अक्टूबर से भू-विस्थापितों को नौकरी देने की मांग को लेकर चरणबद्ध अनिश्चित कालीन हड़ताल करने का फैसला लिया आज हड़ताल का पांचवाँ दिन है।
सुधीर यादव, राजेश शुक्ला, रघुनंदन सोनी, श्याम कुमार बरेठ, लोचन साहू, हितराम साहू, रमेश बरेठ, नवधा बरेठ, ममता यादव, जानकी केंवट, भगवती यादव, पंचकुंवर,अकती बाई, शांति बाई,इतवारा बाई, मथुरा बाई, तेरसबाई, किरण बईसं, जानकी बाई बरेठ, सरजू बरेठ,आदि साथियों लगभग 80 लोग उपस्थित रहे। संगठन एटक से संबद्ध है। दिनांक 20 अक्टूबर दिन रविवार को सुबह 10.30 बजे हड़ताल को समर्थन देने छत्तीसगढ़ राज्य एटक के महासचिव हरिनाथ सिंह का चांपा में आगमन हो रहा हैं। जिले के विभिन्न जन संगठनों को अपील करते हैं कि हड़ताल के समर्थन में मड़वा पावर प्लांट प्रवेश द्वार, दर्राभांठा चांपा में समय पर उपस्थित होवे।