होम्योपैथिक एजुकेशन एंड क्लिनिकल रिसर्च एसोसिएशन के तत्वाधान में एक दिवसीय सेमिनार सम्पन्न …
जांजगीर-चांपा। बीते दिनों रंग महल में रायपुर स्टडी सर्किल छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ होम्योपैथिक एजुकेशन एंड क्लिनिकल रिसर्च एसोसिएशन के तत्वाधान में एक दिवसीय संगोष्ठी (सेमिनार) का आयोजन किया गया।जिसमें छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों से अनेक होम्योपैथिक चिकित्सकों ने भाग लिया।इसमें विशेष रूप से रायपुर स्टडी सर्किल के डायरेक्टर डॉ संजय मनवानी(दुर्ग) और असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ संजय चंद्राकर (रायपुर), चांपा के सबसे पुराने होमियोपैथ डॉ शांति सोनी का योगदान रहा।सबसे पहले हैनिमैन सर की प्रतिमा की पूजा अर्चना की गई। तत्पश्चात डॉ. मनवानी ने हम क्या सीखने वाले है पर संक्षिप्त टिप्पणी की।जिसमें सोरायसिस सुरक्षा, अल्सर, किडनी फेल्योर, अर्टिकेरिया, लिम्फडेनोपैथी इत्यादि केश के ऊपर व्याख्यान दिया गया और रिसर्च पेपर प्रस्तुत किये गए।डॉ विक्रम भदोरिया (बिलासपुर), डॉ संजय चंद्राकर,डॉ धनंजय (दुर्ग),डॉ सरस्वती (दुर्ग) एवं डॉ संजय मनवानी सर ने सेल्युलिटीज,कैंसर, सोरायसिस, lymphadenopathy, किडनी फेल्योर जैसे केस प्रेजेंट किया,जिसके ग्रुप डिस्कशन में सभी पार्टिसिपेट ने एक्टिवली भाग लिया।बीमारी की journey के प्रोसेस को समझा।डॉ शांति सोनी ने चांपा के सबसे पहले होम्योपैथ डॉ अचालू के बारे में जानकारी दी।डॉ योगेश खूंटे ने अपना अनुभव बताया कि कैसे वो शिक्षाकर्मी की नौकरी छोड़ कर होम्योपैथिक को ही अपना मुख्य पेशा बनाए।सर लोगो को मोमेंटो, शाल और श्री फल से सम्मानित किया और अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र दिया गया।यह सेमिनार डॉ श्यामा चरण साहू,डॉ अर्चना साहू , डॉ लक्ष्मी प्रियम स्वर्णकार, डॉ रोशनी सिंह,डॉ प्रीति सोनी,डॉ योगेश खूंटे,डॉ अमित जाटवर द्वारा आयोजित किया गया। शिविर के आयोजन करने का मुख्य उद्देश्य लोगों में होम्योपैथी की जागृति लाना सभी चिकित्सकों में होम्योपैथी का ज्ञान को एक उच्च स्तर पर अद्यतन किया गया है।इस शिविर में दुर्ग भिलाई राजनांदगांव कोरबा रायगढ़ सक्ति बिलासपुर रायपुर रायगढ़ और चांपा के डॉक्टर उपस्थित थे।