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प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री साय से की मुलाकात …

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जांजगीर-चांपा। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन छत्तीसगढ़ से संबंधित निजी विद्यालयों की समस्याओं को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के समक्ष बिंदुवार उनके सम्मुख रखा गया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न मांगों पर प्रतिनिधि मंडल से जानकारी ली।प्रदेश के अशासकीय स्कूलों की लंबित मांगे निम्नलिखित है जिसका निराकरण का आग्रह मुख्यमंत्री से किया गया जिसमे सभी जिलों की लंबित आर.टी.ई. की प्रतिपूर्ति राशि को अविलम्ब स्कूलों के खातों में हस्तांतरित किया जाए. स्कूल शिक्षा विभाग को आज की तारीख में 300 करोड़ से ऊपर की प्रतिपूर्ति राशि स्कूलों की बकाया है। पिछले 12 वर्षों से आर.टी.ई. की राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई है। आर.टी.ई. की राशि प्राथमिक कक्षाओं में 7000 से बढ़कर 15000, माध्यमिक की 11,500 से बढ़ाकर 18,000 एवम हाई और हायर सेकंडरी की अधिकतम सीमा को 15,000 से बढ़ाकर 25,000 तक किया जाय। शैक्षणिक उपयोग की बसों को 12 साल बाद फिटनेस नहीं दी जा रही और वह बेकार हो जा रही हैं जबकि आम परिवहन की बसों को 15 साल की अवधि तक संचालित करने की नियम है।यह नियम हमारी बसों को 12 साल बाद बेचने पर मजबूर कर रहा है जबकि शैक्षणिक उपयोग की बसें कमर्शियल बसों से कम चलती हैं तथा सुरक्षा के ज्यादा उपाय हैं। जीपीएस तथा पैनिक बटन जो बाजार में आसानी से 3500 से 4000 रूपये के बीच उपलब्ध है वह 13500 से 14000 रुपए का कंपनियां हमें दे रही हैं .यह सरासर लूट है कृपया इनकी राशि ठीक करवा कर हमें उपलब्ध कराई जाए ताकि हम अपनी बसों में इसे लगा सकें। आर.टी.ई. के तहत प्रवेशित विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तक,गणवेश एवं लेखन सामग्री उपलब्ध कराने के संबंध में छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने उच्च न्यायालय में याचिका क्रमांक WPC : 5365/2021दाखिल की थी।इस याचिका में दिनांक 14.09.2022 को अंतरिम आदेश देते हुए उच्च न्यायालय ने स्कूल शिक्षा विभाग के आदेशों के क्रियान्वयन पर संगठन को स्टे प्रदान कर दिया है। उच्च न्यायालय के अंतिम आदेश तक किसी भी स्कूल पर कार्यवाही पर रोक लगाई जाये। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल स्कूलों द्वारा ऑनलाइन एंट्री विलंभ से किये जाने के कारण अत्यधिक विलंभ शुल्क लिया गया है। स्कूलों द्वारा पेनल्टी के रूप में पटाया गया शुल्क या तो वापस करवाया जाये या समयोजीत करवाया जायेम इस वर्ष गलत तरीके से इस विलंब शुल्क लिया गया है। निजी स्कूलों में पढ़ने वाली बालिकाओं को भी सरस्वती साइकिल योजना का लाभ दिया जाए। कम से कम आर.टी.ई. के तहत प्रवेशित आर.टी.ई. बालिकाओं को दिया जा सकता है .इनकी संख्या भी कम है। बजट में आर.टी.ई. की प्रतिपूर्ति राशि हेतु 65 करोड़ का प्रावधान है जबकि इतने सालों में छात्र संख्या बढ़ने के कारण यह राशि अब पर्याप्त नहीं है।इसे बढ़ाकर 150 करोड़ किया जाना चाहिये।हर वर्ष स्कूलों को आर.टी.ई. की प्रतिपूर्ति राशि प्रदान करने में विभाग से इसीलिए विलंभ होता है। अशासकीय स्कूलों की मान्यता नियमों को सरलीकृत एवं प्रदेश में एक समान किया जाए तथा मान्यता 5 वर्षों के लिए प्रदान किया जाए। हर जिले में अलग नियमों का पालन होता है कोई जिला एक साल ,कोई तीन साल के लिए मान्यता का नवीनीकरण करता है।

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    प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधिमंडल में संरक्षक सुबोध राठी, छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मनोज पाण्डेय जांजगीर,मनोज गुप्ता भाटापारा एवं विनोद पाण्डेय धमतरी शामिल थे।

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