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चांपा नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव : कांग्रेस की हैट्रिक रोकने के लिए भाजपा को करना होगा गंभीर मंथन …

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जांजगीर-चांपा। चांपा नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव इस बार बेहद दिलचस्प होने वाला है। भाजपा को पिछले दो कार्यकालों से हार का सामना करना पड़ा है, जिसका प्रमुख कारण प्रत्याशी चयन में लापरवाही और संगठन में एकता की कमी रही है। यदि इस बार भी भाजपा ने प्रत्याशी चयन में सही कदम नहीं उठाया, तो कांग्रेस लगातार तीसरी बार जीत हासिल कर सकती है।

कांग्रेस से पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राजेश अग्रवाल की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। अपने पिछले कार्यकाल में उन्होंने चांपा में कई विकास कार्य किए, जिनमें हसदेव लोक महोत्सव का आयोजन,रामबांधा तालाब का गहरीकरण एवं सौंदर्यीकरण, सियान सदन सहित कई भवन बनाए है जो सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए उपयोग हो रहे हैं। उनके प्रयासों ने चांपा नगर को एक अलग पहचान दी थी। “नेता नहीं, मित्र चुनिए” की सोच के साथ मैदान में उतरने वाले राजेश अग्रवाल ने जनता का भरोसा जीतकर यह सिद्ध किया था कि वे अपने वादों पर खरे उतरते हैं। उनकी लोकप्रियता आज भी बरकरार है और जनता में उनका अच्छा प्रभाव बना हुआ है।

दूसरी ओर, भाजपा के लिए यह चुनाव एक बड़ी चुनौती है। पार्टी के लिए जरूरी है कि वह इस बार एक सरल, सहज, और मृदुभाषी छवि वाले उम्मीदवार को मैदान में उतारे। इसके साथ ही संगठन में एकजुटता लाने और जनसंपर्क में मेहनत करने की आवश्यकता है।

चुनाव की एक और खास बात यह है कि इस बार जनता पार्षद के साथ अध्यक्ष का भी सीधा चयन करेगी। यह परिवर्तन मतदाताओं को अधिक अधिकार देने वाला साबित होगा, लेकिन राजनीतिक दलों के लिए यह चुनौती पूर्ण भी रहेगा।

आगामी चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा अपनी रणनीति में बदलाव लाकर कांग्रेस की हैट्रिक को रोक पाती है या नहीं।

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