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स्व सहायता समूह की महिलाएं बना रहीं हर्बल गुलाल, होली पर मिलेगा प्राकृतिक रंगों का अहसास …

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जांजगीर-चांपा। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) से जुड़ी स्व सहायता समूह की महिलाएं इस बार होली के लिए हर्बल गुलाल तैयार कर रही हैं। गुलाब, गेंदा, पलाश, पालक और चुकंदर जैसे प्राकृतिक उत्पादों से तैयार इन हर्बल गुलालों की बिक्री कलेक्टोरेट, जिला पंचायत और जनपद पंचायतों में लगाए गए स्टॉल के माध्यम से की जा रही है। इस पहल का उद्देश्य न केवल लोगों को रासायनिक रंगों से होने वाले नुकसान से बचाना है, बल्कि स्व सहायता समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना भी है।

कलेक्टर आकाश छिकारा ने कलेक्टोरेट कार्यालय परिसर में लगाए गए स्टॉल से स्व सहायता समूह की महिलाओं से हर्बल गुलाल खरीदा और आम नागरिकों से अपील की कि वे इन महिलाओं के द्वारा बनाए गए हर्बल गुलाल को खरीदकर उनका मनोबल बढ़ाएं। इसी तरह, जनपद पंचायत अकलतरा में लगाए गए स्टॉल से जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सत्यलता आनंद मिरी ने भी गुलाल खरीदा। विभिन्न जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों और आम नागरिकों ने भी स्टॉल से हर्बल गुलाल खरीदकर महिलाओं का हौसला बढ़ाया।

प्राकृतिक उत्पादों से तैयार हो रहे हर्बल गुलाल
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री गोकुल रावटे ने बताया कि स्व सहायता समूह की महिलाएं गुलाल बनाने में पूरी मेहनत और सावधानी बरत रही हैं। गुलाब, गेंदा, चांदनी, रातरानी, टेशू के फूलों के अलावा पालक, लाल भाजी और चुकंदर जैसे प्राकृतिक उत्पादों का उपयोग करके गुलाल तैयार किया जा रहा है। यह गुलाल त्वचा के लिए पूरी तरह सुरक्षित है और इससे किसी प्रकार के एलर्जी या संक्रमण का खतरा नहीं है।

रंग-बिरंगे गुलाल से सजे स्टॉल
स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि गुलाल बनाने के लिए फूलों को सुखाने, पीसने और छानने की प्रक्रिया में उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी। गुलाब और चुकंदर से लाल रंग, पालक से हरा रंग, पलाश से नारंगी रंग और गेंदा से पीला रंग तैयार किया जा रहा है। इस बार की होली को प्राकृतिक और सुरक्षित बनाने के लिए लोगों ने भी हर्बल गुलाल को अपनाने की इच्छा जताई है।

स्व सहायता समूह की इस पहल से न केवल रासायनिक रंगों से होने वाली हानियों से बचाव होगा, बल्कि इससे महिलाओं को आर्थिक संबल भी मिलेगा। इस तरह स्व सहायता समूह की महिलाएं आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम बढ़ा रही हैं।

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