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बीडीएम अस्पताल में लापरवाही से गई मासूम की जान, परिजनों ने लगाया आरोप, भाजपा नेताओं ने किया डॉक्टरों से जवाब-तलब …

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चांपा। बीडीएम अस्पताल की लापरवाही एक बार फिर सवालों के घेरे में है। भोजपुर निवासी आयुष देवांगन की 29 जुलाई की रात को सांप के काटने से मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि समय रहते उचित इलाज नहीं मिलने से उसकी जान चली गई। इस मामले को लेकर आज भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष समेत कई भाजपा नेता बीडीएम अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों से जवाब-तलब किया।

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परिजनों ने भाजपा नेताओं की मौजूदगी में अस्पताल के स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि जिस वक्त आयुष को अस्पताल लाया गया, उस समय ड्यूटी डॉक्टर सरिता नागरची मौजूद नहीं थीं, वहीं स्टाफ नर्स ने वैक्सीन न होने की बात कहते हुए मरीज को निजी अस्पताल ले जाने की बात कही।बैठक में परिजनों ने कहा – “अगर वक्त पर इलाज मिल जाता, तो आज हमारा बेटा जिंदा होता।”

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इस मामले पर बीडीएम अस्पताल के प्रभारी नवल किशोर ध्रुव ने कहा कि अस्पताल में सांप काटने की वैक्सीन उपलब्ध है, और अगर किसी स्टाफ ने वैक्सीन नहीं होने की बात कही है, तो यह गंभीर लापरवाही है। इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दी जाएगी और जांच के बाद विधिवत कार्रवाई की जाएगी।

नेताओं का देर से जागना भी चर्चा का विषयभाजपा नेताओं का अस्पताल निरीक्षण करना जहाँ एक ओर सकारात्मक पहल माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर लोगों में यह भी चर्चा है कि बीडीएम अस्पताल की दुर्दशा कोई नया मामला नहीं है। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह पहली बार नहीं जब लापरवाही से किसी की जान गई हो।

आज जब भाजपा नेता अस्पताल पहुँचे तो हैरानी की बात यह रही कि सभी डॉक्टर अपने चेम्बर में मौजूद और सतर्क दिखे। आम दिनों में ड्यूटी के समय डॉक्टरों के नदारद रहने की शिकायतें मिलती रही हैं, लेकिन आज पूरा स्टाफ अलर्ट नजर आया। इस दोहरे रवैये पर भी जनता ने सवाल उठाए हैं।

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मृतक मासूम आयुष देवांगन

मृतक की माँ की माँग – “लापरवाह स्टाफ पर हो सख्त कार्रवाई” आयुष की माँ ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे गैर-जिम्मेदार स्टाफ पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसी और परिवार को ऐसा दर्द न सहना पड़े।

इस पूरे मामले ने बीडीएम अस्पताल की व्यवस्थाओं पर फिर से गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आने वाले दिनों में क्या प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग इस पर कोई ठोस कदम उठाएगा या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा – यह देखना बाकी है।

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