1000-1000 लेने का मामलाः आखिर कौन बोल रहा झूठ, प्रभारी प्राचार्य या रीडर, आईआईएचटी में मचा हड़कंप
चौथी किश्त…
जांजगीर-चांपा। भारतीय हाथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान लछनपुर चांपा में इंडस्ट्री विजिट के नाम पर 1000-1000 लेने का मामला तूल पकड़ता Aजा रहा है।कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य ने जहां इंडस्ट्री विजिट के नाम पर किसी भी छात्र से रुपए नहीं लेने, बल्कि उन्हें प्रति छात्र चार सौ रुपए देने का दावा किया है, तो वहीं इसी कॉलेज के रीडर ने आवास व भोजन के लिए एक-एक हजार रुपए लेने का बयान मीडिया को दिया है। इससे लोगों को ये समझ नहीं आ रहा है कि आखिर झूठ कौन बोल रहा है। प्रभारी प्राचार्य या रीडर। बहरहाल, पूरे मामले में जांच के बाद सबकुछ शीशे के तरह साफ हो जाएगा।
आपकों बता दें कि कोरोना संकट के बाद भारतीय हाथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान लछनपुर चांपा ने करीब 60 छात्रों को इंडस्ट्री विजिट कराया। विजिट के लिए शासन से बजट भी आया था। इसके बावजूद प्रति छात्र एक-एक हजार रुपए लेने की बात खुद छात्रों ने बताई। इतना ही नहीं, हमारे पास फोन पे के माध्यम से भेजे गए एक-एक हजार रुपए का स्क्रीन शॉट भी मौजूद है। इसके अलावा छात्रों से एक-एक हजार रुपए लेने की पुष्टि खुद कॉलेज के रीडर पुर्णेश्वर रंगारी ने की है। श्री रंगारी का कहना है कि इंडस्ट्री विजिट के लिए शासन से सिर्फ यात्रा के लिए बजट आया था, जबकि आवास व भोजन के लिए छात्रों से एक-एक हजार रुपए लिया गया है। खास बात यह है कि हमनें जब इस संबंध में कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डोमु धकाते से बात की तो उन्होंने इंडस्ट्री विजिट के नाम पर किसी भी छात्र से रुपए नहीं लेने, बल्कि प्रति छात्र चार-चार सौ रुपए देने का दावा किया। उनका बयान भी मीडिया में प्रसारित हुआ है। इससे समझा जा सकता है कि आखिर झूठ कौन बोल रहा है।
छात्रों को मिल रही धमकी
इधर, भारतीय हाथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान लछनपुर चांपा की लगातार खबरें प्रसारित होने से कॉलेज प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है। नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ छात्रों ने बताया कि मीडिया में लगातार खबर प्रकाशन से बौखलाया प्रबंधन अब कॉलेज के छात्रों को मानसिक रूप से टार्चर कर रहा है। उन्हें कहा जा रहा है कि मीडिया में कॉलेज प्रबंधन के अंदर की जानकारी दी गई है, अब इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। क्योंकि हमनें अपनी खबरों में इंडस्ट्री विजिट में एक ऐसे व्यक्ति को ले जाया गया था, जो कॉलेज का स्टाफ ही नहीं है को समाहित किया था। कॉलेज प्रबंधन की इस तरह धमकी से बहरहाल, पूरे मामले में उच्चाधिकारियों के साथ ही विधायक व पूर्व विधायक को संज्ञान लेने की जरूरत है।