Uncategorizedछत्तीसगढ़जांजगीर चांपा

डीईओ ने डाइट जांजगीर के प्रभारी प्राचार्य को हटाने की अनुशंसा, अनियमिता व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप…

जांजगीर चांपा। डाइट जांजगीर के प्रभारी प्राचार्य साहू पर कई अनियमिता व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की शिकायत पूर्व में एससीईआरटी से की गई थी, जिसकी जांच प्रतिवेदन में वित्तीय अनियमितता एवं प्रताड़ना के आरोप को सही ठहराते हुए जांच निष्कर्ष में प्रभारी प्राचार्य साहू की कार्यशैली पर सवाल उठाया है और कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है, जबकि जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच प्रतिवेदन मैं अपना अभिमत देते हुए डाइट जांजगीर से तत्काल हटाने की अनुशंसा की है।

mahendra 2 Console Corptech

इसके बावजूद अब तक किसी तरह की कार्यवाही नहीं हुई है, जिसको लेकर प्रताड़ित स्टॉप एवं लिपिक संघ ने जिला कार्यालय कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इसकी खबर छपते ही प्रभारी प्राचार्य साहू तिलमिला उठे और प्रताड़ित व्याख्याता एवं अध्ययनरत छात्राध्यापक झंकृति साहू को कारण बताओ नोटिस भेजा है, जिसमें कहा गया है कि एक तरफा न्यूज़ चलाया गया है एवं किस जानकारी के तहत समाचार लगाया गया है, जिस पर बाइट देने वाले व्याख्याता सुरेश प्रसाद साहू को 1 दिन का समय देते हुए जवाब प्रस्तुत करने कहा गया, जबकि किसी भी कारण बताओ नोटिस में तीन दिवस की शासकीय नियमानुसार समय निर्धारित होती है। वही व्याख्याता से बात करने पर पता चला कि शाम के लगभग 5 बजे के समय में 26 तारीख को ही नोटिस की कॉपी व्हाट्सएप के माध्यम से भेजी गई है, जबकि उसी दिन उनको आधे घण्टे मतलब 5:30 तक जवाब देने कहा गया जो सम्भव नही है। इससे पता चलता है कि साहू अपने किए हुए अनियमितता की खुलासा ना हो, इस कारण तिलमिला उठे और न्यूज़ पढ़ने वाली एंकर को नोटिस भेज डाला।

WhatsApp Image 2025 02 05 at 11.59.01 401584c4 Console Corptech

थाने तक पहुंची थी शिकायत

प्रभारी प्राचार्य के खिलाफ पूर्व में महिला स्टाफ ने प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट थाना में भी दर्ज कराई गई थी, जिसकी जांच अभी पुलिस कर रही है। इसी तरह छात्रावास में रह रहे छात्राध्यापक को पूर्णता निशुल्क रखने का प्रावधान है, लेकिन 500 हरेक से महीना वसूली की बात कही जा रही है। इसकी भी शिकायत हुई है। इस तरह कई एक्टिविटी कार्यक्रम के तहत चाय नाश्ता के बिल में भी अनियमितता पाई गई है।


जांच दल में 3 सदस्य रहे

1.व्हीके लहरे, विकासखंड शिक्षा अधिकारी नवागढ़।

  1. पीके आदित्य, प्राचार्य उच्च माध्यमिक विद्यालय सिवनी।
  2. दिनेश राठौर, नोडल अधिकारी विधि जिला शिक्षा अधिकारी जांजगीर चांपा।

जिन्होने जांच निष्कर्ष में स्पष्ट उल्लेखित करते बताया है।

जाँच निष्कर्ष:- शिकायत की बिन्दुवार जॉच करने प्रश्नावली के माध्यम से प्राप्त बयानों के

अनुशीलन करने एवं उपलब्ध साक्ष्यों व अभिलेखों के अवलोकन उपरांत निम्नानुसार बिन्दुवार निष्कर्ष प्राप्त हुए-

  1. प्रभारी प्राचार्य श्री साहू के व्यवाहर से कुछ कर्मचारी आहत है। सिद्ध होता है।
  2. कार्यालयीन लिपिको के द्वारा प्र.प्रा. के विरुद्ध वित्तीय अनियमितता की शिकायत है। वही प्रभारी प्राचार्य द्वारा लिपिक के विरुद्ध वित्तीय अनियमितता की शिकायत है। अतः शिकायत सिद्ध होता है।
  3. प्रभारी प्राचार्य श्री साहू की भाषा शैली व व्यवहारगत समस्या संस्थान में जाँचदल द्वारा महसूस किया गया है।
  4. संस्था में कुछ सदस्य प्रतिनियुक्ति पर है जिन्हें प्रतिनियुक्ति समाप्त करने की बात प्र. प्राचार्य द्वारा की जाती है। सिद्ध होता है।
  5. अका. सदस्यों से अनुसंधान व निरीक्षण कराने का अधिकार प्राचार्य को है। यहाँ समय-सारिणी में अत्यधिक फेर बदल किया गया है। इसके कारण कार्य में व्यवधान होता है स्थायित्व समाप्त होता है।

06 अपलेखन के लिए डाईट जैसे उच्च संस्थान में विधिवत प्रक्रिया का ठीक से पालन नहीं किया जाना प्रतीत होता है। अपलेखन समिति गठन एवं कार्यवाही में तारतम्यता नही पाई गई।

जाँच समिति का अभिमत:
01.प्रभारी प्राचार्य के व्यवहारगत समस्या व समन्वय के अभाव में संस्था के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। जिन्हें रोका जाना आवश्यक है।

02.कार्यालयीन कर्मचारी एवं प्रभारी प्राचार्य द्वारा एक दुसरे के विरुद्ध वित्तीय अनियमितता की जाँच सक्षम आडिट दल अथवा महालेखाकार से कराया जाना उचित होना ।

03 शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान जैसे अकादमिक संस्थान से महिला आयोग में शिकायत होना, अनुजाति जनजाति थाना में शिकायत होना, थाना में एफआईआर के लिये प्रकरण जाना अत्यन्त गंभीर एवं चिंताजनक है, जिसे रोका जाना आवश्यक है।

जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा संयुक्त संचालक एससीईआरटी को भेजा गया जांच प्रतिवेदन।

Related Articles