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इसे भगवान की महिमा नहीं तो और क्या कहेंगे!, फिर इस बार भी सच हुई भगवान जगन्नाथ से जुड़ी किवदंती…


जांजगीर-चांपा। कहते हैं भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं। इस कहावत को भगवान जगन्नाथ ने एकबार फिर चरितार्थ कर दिया। जैसे ही महाप्रभु जगन्नाथ रथ पर सवार होकर अपनी मौसी के यहां जाने के लिए निकले, तब से बारिश का दौर शुरू हो गया। उसी दिन शाम को कई स्थानों में बारिश की शुरूआत हुई और दूसरे दिन से भीषण गर्मी में उबल रहे लोगों को राहत पहुंचाई।

इसके साथ ही जब महाप्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ कल जब अपने धाम लौटे तो मौसम आज पूरे दिन साफ रहा। इससे भगवान की महिमा को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। रथयात्रा से महज एक दिन पहले तक आसमान से शोले से बरस रहा था। लोग भीषण गर्मी से बेहाल थे। एसी, कूलर और पंखे पहले ही जवाब दे चुके थे। इस बार मानसून भी विलंब हो गया। लेकिन भगवान जगन्नाथ की महिमा देखिए, जब उनकी रथयात्रा प्रारंभ हुई, तब भगवान अपने साथ बारिश लाकर लोगों को भीषण गर्मी से राहत पहुंचाया तो वहीं अपने धाम जाते-जाते भगवान ने मौसम को भी साफ करते हुए धूप खिला दिया। इसे भगवान का चमत्कार नही ंतो और क्या कहेंगे। जगन्नाथ रथयात्रा के साथ एक किवदंती और जुड़ी है, कि जिस दिन रथयात्रा होती है, उस दिन बारिश अवश्य होती है। यह किवदंती इस बार लोगों को झूठी लग रही थी, लेकिन देर शाम तक भगवान जगन्नाथ की ऐसी महिमा हुई कि उस दिन से बारिश की शुरूआत ही हो गई। हफ्ते भर से सूर्यदेव ने लोगों को दर्शन तक नहीं दिया। आसमान में बदली छायी रही और तरबतर बारिश होती रही।

भक्तों को दर्शन देने निकले भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और बहन सुभद्रा..

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