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क्रिकेट सट्टा : चैंपियंस ट्रॉफी के हर बाल में लगा करोड़ों के दांव, सक्ती व चांपा प्रदेश में सट्टे का गढ़ …

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जांजगीर-चांपा। चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट मैच रविवार को हर बाल में क्रिकेट सटोरियों ने लाखों के दांव लगाए। इधर पुलिस को भनक तक नहीं लगी। क्रिकेट के दिवाने भारत पाक मैच में भरपूर मनोरंजन किया। साथ ही साथ सटोरियों का दिन दूना रात चौगुना हो गया। एक तरफ खाइवाल मालमाल होंगे तो वहीं दूसरी ओर सटोरिए जीते तब तो ठीक हारे तो घर, खेत, जमीन, जायदाद भी गिरवी रखेंगे। रसूखदार बाप के बिगड़े औलाद लाखों के दांव लगाए तो वहीं दूसरी ओर यही बेटे अपने पिता की जेब ढीली करते रहे।

सट्टे का सबसे बड़ा गढ़ सक्ती को माना जाता है। यहां हर गली कूचों में करोड़ों रुपए का दांव लगता है। तो वहीं दूसरी ओर दूसरे नंबर पर चांपा है। यहां भी हर गली कूचों में लाखों रुपए का सट्टा लगता है। लेकिन दिलचस्प यह है कि पुलिस इन तक पहुंच नहीं पाती। एक पुलिस अफसर का कहना है कि सटोरिए मोबाइल के माध्यम से दांव लगाते हैं। इसलिए फिजिकली तौर पर उन तक पहुंच पाना मुश्किल है। वहीं दूसरी ओर यह भी देखा जाता है कि सटोरिए पुलिस को पहले से ही मैनेज कर चलते हैं। ताकि उनकी पैनी नजर वहां तक न पहुंच पाए। यदि पहुंचे तो भी पुलिस केवल छुटभैय्ये छोटे सटोरियों को पकड़कर केवल धारा १३ क जुआ एक्ट के तहत कार्रवाई कर औपचारिकता पूरी कर लेती है।

चांपा में भी सट्टे का आगाज – चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट के पहले चांपा में सट्टे का आगाज हो चुका है। यहां भी प्रत्येक चौथे घरों के बिगड़े नवाब हर मैच में लाखों के दांव लगाते हैं। दरअसल पूरा खेल मोबाइल के माध्यम से कोडवर्ड में चलता है। जिसके चलते पुलिस इन तक नहीं पहुंच पाती। यही वजह है कि पुलिस सटोरियों तक नहीं पहुंच पाते। चांपा व सक्ती के आसपास के गांव के युवा भी इसकी लत में पड़कर बड़ी रकम गवां बैठते हैं। बाद में जब पता चलता है तो घर में आर्थिक संकटों का पहाड़ टूट पड़ता है।

सटोरियों को पकडऩे के लिए मुखबिर का जाल फैलाया गया है। सटोरियों को कड़ी चेतावनी दी गई है कि वे अपनी हरकतों से बाज आए, नहीं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी – डॉ. नरेश पटेल, टीआई चांपा

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