स्टाफ नर्सों की लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई, दो नर्सें निलंबित,मामला चांपा बीडीएम अस्पताल का …

जांजगीर-चांपा। बी.डी.एम. शासकीय चिकित्सालय चांपा में इलाज में गंभीर लापरवाही के मामले में जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए दो स्टाफ नर्सों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मामला 29 जुलाई 2025 की रात करीब 12:40 बजे का है, जब भोजपुर चांपा निवासी 22 माह के आयुष देवांगन को सर्पदंश के उपचार हेतु अस्पताल लाया गया था।
हालांकि, ड्यूटी में उपस्थित स्टाफ नर्स श्रीमती सविता महिपाल एवं श्रीमती मीनू पटेल ने बिना ड्यूटी चिकित्सक या उच्च अधिकारियों को सूचित किए ही मरीज को इलाज के लिए मौखिक सलाह देकर नर्सिंग होम जाने की बात कह दी। यह कार्य सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 07 का स्पष्ट उल्लंघन है और इसे सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत दंडनीय माना गया है।

इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर कार्यालय से जारी आदेश अनुसार दोनों स्टाफ नर्सों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय जिला अस्पताल जांजगीर-चांपा रहेगा और इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।इस कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है और प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिया है कि मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ अब सख्त कदम उठाए जाएंगे।
नर्सों पर कार्रवाई, डॉक्टर को अभयदान पर उठे सवाल – चांपा बीडीएम अस्पताल में सर्पदंश मामले में दो स्टाफ नर्सों को निलंबित किया गया, परंतु ड्यूटी डॉक्टर सरिता नागरची पर कोई कार्रवाई न होना सवाल खड़े कर रहा है। आरोप है कि डॉक्टर उस रात ड्यूटी पर थी ही नहीं। ऐसे में सिर्फ नर्सों पर कार्रवाई करना पक्षपातपूर्ण माना जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर डॉक्टर को अभयदान क्यों दिया गया? जांच की मांग तेज हो गई है।