

जांजगीर-चांपा। ठंड का मौसम ब्लड प्रेशर (बीपी) के मरीजों के लिए जोखिम बढ़ा सकता है। तापमान गिरते ही शरीर की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे बीपी बढ़ने और हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ने का खतरा रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला अस्पताल जांजगीर में पदस्थ डॉ. लोकेंद्र कश्यप ने बीपी मरीजों के लिए विशेष सावधानियां अपनाने की अपील की है।

शरीर को गर्म रखना सबसे जरूरी – डॉ. कश्यप के अनुसार ठंड में अचानक तापमान गिरने से बीपी तेजी से बढ़ सकता है। इसलिए बाहर जाते समय गर्म कपड़ों की कई परतें पहनें। टोपी, मफलर, दस्ताने और गर्म जुराबें अवश्य पहनें। उन्होंने बताया कि सुबह की अत्यधिक ठंड में बाहर निकलने या तेज वॉक करने से बचें, क्योंकि इससे सीने में दर्द या हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।घर के अंदर भी आरामदायक तापमान बनाए रखना जरूरी है।
दवाएं समय पर लें और बीपी की नियमित जांच करें – डॉ. कश्यप ने बताया कि बीपी मरीजों को अपनी दवाएं समय पर लेने में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए। घर पर बीपी मॉनिटर से रोज़ाना रीडिंग चेक करें। यदि बीपी लगातार बढ़ा हुआ मिले, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें—ठंड में दवा की खुराक बदलने की आवश्यकता पड़ सकती है।
व्यायाम से बढ़ेगी ऊर्जा, सुधरेगा रक्त संचार – उन्होंने सलाह दी कि ठंड में बाहर वॉक न कर पाने पर घर के अंदर हल्का व्यायाम, योग, स्ट्रेचिंग और गतिविधियाँ करते रहें।किसी भी एक्सरसाइज से पहले वार्म-अप ज़रूर करें ताकि शरीर अचानक तापमान बदलाव से प्रभावित न हो।
आहार में सावधानी बरतें – बीपी मरीजों को नमक कम खाने, अचार-पापड़ और अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से दूर रहने की सलाह दी गई है।फल, सब्ज़ियाँ, साबुत अनाज और लो-फैट भोजन को आहार में शामिल करें। डॉ. कश्यप ने कहा कि ठंड में प्यास कम लगने के बावजूद पानी पर्याप्त मात्रा में पीना जरूरी है। पानी की कमी से रक्त गाढ़ा हो जाता है और दिल पर दबाव बढ़ सकता है। शराब और धूम्रपान से पूरी तरह बचें, क्योंकि ये बीपी को अचानक बढ़ा देते हैं।
नहाने के समय सावधानी रखें – नहाने के लिए गुनगुने पानी का उपयोग करें। बहुत ठंडे या बहुत गर्म पानी से शरीर में तापमान तेजी से बदलता है, जिससे बीपी प्रभावित हो सकता है।
लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें – यदि सीने में दबाव या जकड़न, सांस फूलना, ठंडा पसीना, जबड़े में दर्द या तेज सिरदर्द जैसे लक्षण दिखाई दें, तो इसे हल्के में न लें और तुरंत अस्पताल पहुँचें।डॉ. कश्यप ने कहा कि समय पर जागरूकता और सावधानी से ठंड के मौसम में बीपी मरीज एकदम सुरक्षित रह सकते हैं।





