
रिपोर्ट@राघवेन्द्र वैष्णव…
खरसिया। समाज में बढ़ रही विषमता, भेदभाव, धर्मांतरण, गौ-तस्करी तथा जनसंख्या असंतुलन और भूमि व लव-जिहाद एवं धार्मिक-सांस्कृतिक आक्रमण को लेकर निकली हिंदू स्वाभिमान जागरण संत पदयात्रा का आगमन खरसिया विधानसभा में हुआ।
वहीं संत राकेश स्वामी ने अपने उद्बोधन ने कहा कि हम राजा नहुष, अज, राम और कृष्ण की संतान हैं, इसलिए हम सब आदिवासी ही हैं। परंतु इस समाज में आदिवासियों को हिंदू नहीं कहा जाता, वहीं आदिवासी कहा जाता है, जबकि सभी आदिवासी हिंदू ही हैं। वहीं कहा कि आजादी के 75 वर्ष हो गए हैं, अब हमें हिंदू राष्ट्र बनाने की आवाज उठानी होगी। हम सब एक मत से अपने सांसद एवं विधायकों को यह बात कहें कि भारत राष्ट्र में हिंदुओं की संख्या अधिक है, अतः इसे हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। आजकल बहुत तेजी से आदिवासियों को तोड़कर क्रिश्चन और क्रिश्चियनिटी को बढ़ावा दिया जा रहा है। मैं इस्लाम या क्रिश्चियनिटी का विरोधी नहीं हूं, परंतु मैं अपने धर्म का रक्षक हूं। हिंदू स्वाभिमान जागरण संत पदयात्रा सर्वप्रथम बरगढ़ स्थित सिद्धेश्वर मंदिर पहुंची। वहीं ग्राम उल्दा स्थित माँ वैष्णो देवी के मंदिर के पश्चात बोतल्दा स्थित श्री हनुमान मंदिर पहुंची। जहां जयप्रकाश डनसेना एवं उनकी टीम ने संतों का भव्य सत्कार किया। वहीं खरसिया में जगह जगह संत पदयात्रा का सम्मान किया गया। संत जागरण पदयात्रा के साथ विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के मार्गदर्शक तथा रामनामी संत भी शामिल रहे।