खबर आने के बाद बच्चों को कासन मनी देने आवेदन मंगा रहा आईआईएचटी प्रबंधन, 2017 से छात्रों को नहीं मिली कासन मनी….
छठवीं किश्त…
जांजगीर-चांपा। भारतीय हाथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान प्रबंधन की बच्चों को कासन मनी व डिप्लोमा सर्टिफिकेट सालों से नहीं देने संबंधी खबर प्रसारित होने के बाद प्रबंधन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में प्रबंधन कासन मनी व डिप्लोमा सर्टिफिकेट देने बच्चों से आवेदन मंगा रहा है। ऐसे कई बच्चों का आवेदन हमारे पास भी आए है, जिसमें वर्ष 2017 से कासन मनी व डिप्लोमा सर्टिफिकेट नहीं देने का जिक्र है। इससे समझा जा सकता है कि यहां लापरवाही की सीमा पार हो गई है।
हमनें अपनी खबरों में यहां पढ़कर निकल चुके 2019 बैच से अब तक पासआउट छात्रों को कासन मनी व डिप्लोमा सर्टिफिकेट नहीं देने का उल्लेख किया था, लेकिन हमारे पास आए छात्रों के आवेदन अनुसार यहां वर्ष 2017 से अब तक पासआउट छात्रों को कासन मनी व डिप्लोमा सर्टिफिकेट से वंचित रखा गया है। जबकि छात्रों को पासआउट होने के बाद हॉस्टल, लाइब्रेरी, प्रैक्टिकल लैब से नो ड्यूस लेने के बाद चार हजार रुपए दिया जाना चाहिए। छात्रों को उन्हीं के रुपए देने में प्रबंधन आनाकानी कर रहा है। बताया यह भी जा रहा है कि बच्चों के कासन मनी की फाइल ही गायब हो गई है, जिसके चलते छात्रों से आवेदन लिया जा रहा है। नहीं तो आवेदन मंगाने का सवाल ही नहीं उठता। जिम्मेदारों की लापरवाही से देश के सातवें और छत्तीसगढ़ के पहले भारतीय हाथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इधर, भारतीय हाथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान की लगातार खबरें आने के बाद छात्रों पर भी दबाव बनाया जा रहा है। हमारे पास भी किसी महिला का कॉल आया था, जिसमें उसने किसी स्टूडेंट का नंबर मांगकर टोह लेने की कोशिश की गई। इससे समझा जा सकता है कि यहां के बच्चे किस तरह भय के साए में है।