जमीन दलालों से कोटवारी भूमि भी सुरक्षित नहीं, बहेराडीह की महिला कोटवार की भूमि को दलाल के जरिए कर दी बिक्री, अब मामला पकड़ने लगा तूल…
जांजगीर-चांपा। शासन द्वारा गांव में कोटवारी करने के एवज में दी गईं करोङां रुपए की शासकीय जमीन को दलालों की मदद से बिक्री होने की शिकायत महिला कोटवार ने जनदर्शन में कलेक्टर से की थी। वहीं चांपा एसडीएम ने धान जब्त कर पंचायत को सौपने का आरोप भी लगाया। इसे कलेक्टर ने एसडीएम को तत्काल धान वापस कराने और मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मामला चांपा थाना अंतर्गत ग्राम बहेराडीह का है। यहां 4 एकड़ 20 डिसमिल शासकीय कोटवारी भूमि की बिक्री का मामला तूल पकड़ लिया है।
बहेराडीह गांव के महिला कोटवार जानकी बाई चौहान पति स्व इतवारी ने बताया कि गांव में कोटवार के रूप में सेवा देने के उद्देश्य से शासन द्वारा खसरा नंबर 220/09 रकबा 4 एकड़ 20 डिसमिल जमीन दी गई है। इस जमीन पर खेती करके वह अपने परिवार का जीवनयापन कर रही थी। इसी बीच क्षेत्र के एक जमीन दलाल ने नैला भाठापारा के खम्मन लाल कुर्मी के पास पटवारी से 32 कालम की नकल निकालकर उसके बेटे मोहनलाल चौहान को शराब पिलाकर चांपा तहसील में उक्त शासकीय कोटवारी भूमि की रजिस्ट्री करा दी। उसके तत्काल बाद कोटवार के बेटे की अत्यधिक नशे होने के कारण मौत हो गईं। कुछ दिन बाद नैला के किसान खम्मन लाल कुर्मी अपने परिवार के साथ मिलकर खेती करने पहुंचे। तब कोटवार ने विरोध करते हुए मामले की जानकारी कलेक्टर, तहसीलदार, थाना प्रभारी को दी। मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने एसडीएम को पटवारी समेत शासकीय जमीन खरीदने वाले और मामले में लिप्त जमीन दलाल को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। कार्रवाई के भय से कुछ लोग फरार भी हो गए। उसके बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। महिला कोटवार ने यह भी बताया कि इस साल चांपा एसडीएम ने उसके खेत में लगी धान की फ़सल को जब्त भी करा दिया। इससे दुखी महिला कोटवार का परिवार कलेक्टर के पास न्याय के लिए गुहार लगाने पहुंचा, लेकिन न्याय नहीं मिलने से दुखी गरीब परिवार ने एक बार फिर जनदर्शन में कलेक्टर से मुलाक़ात कर न्याय की मांग की है।
राज्यपाल के निर्देश के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
शासकीय कोटवारी भूमि की खरीदी मामले की जांच के आदेश राज्यपाल समेत छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष द्वारा प्रशासन को दिया गया था। मगर इस मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इससे परेशान महिला कोटवार का परिवार उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने विवश हो रहा है।