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BREAKING: खोखसा ओवरब्रिज के लिए अभी लोगों को करना पड़ेगा और इंतजार, ब्रिज कब तक चालू होगा यह बता पाने की स्थिति में नहीं विभाग…

जांजगीर-चांपा। खोखसा फाटक पर बन रहे ओवरब्रिज के लिए लोगों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। अफसरों का ठेकेदारों पर नियंत्रण ही नहीं है, जिसके चलते ब्रिज की सड़क पर डामरीकरण और विद्युतीकरण का काम आगे नही बढ़ पा रहा है। नेता और अफसर भी निरीक्षण कर लौटे जाते हैं। खबरें छपती थी। फिर आम लोग वहीं जद्दोहद के साथ खोखसा फाटक से आवागमन करने मजबूर हो जाते हैं।

जिला मुख्यालय जांजगीर के खोखसा फाटक पर दस सालों से ओवरब्रिज का काम चल रहा है। लापरवाही की हद देखिए, यहां कई कलेक्टर बदल गए, फिर भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। अब तक रेलवे का मसला होने का हवाला देकर विलंब किया गया, लेकिन जब रेलवे ने अपना काम पूरा कर दिया तो भी ब्रिज की सड़क पर डामरीकरण और विद्युतीकरण का काम पूरा नहीं हो पा रहा है। इसी महीने नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने निर्माणाधीन ब्रिज का निरीक्षण कर कहा था कि इस माह के अंत तक ब्रिज का काम पूरा हो जाएगा। लेकिन विभाग की ओर से काम में कोई प्रगति नहीं दिखी, जिसके चलते आज महीने के आखिरी दिन तक विभाग ओवरब्रिज को प्रारंभ करने की स्थिति में नहीं है। बताया जाता है कि अफसरों का ठेकेदारों पर कोई नियंत्रण नहीं है, जिसके चलते दस साल में भी निर्माण पूरा नहीं हो सका। आलम यह है इतने सालों से निर्माण ब्रिज प्रारंभ होने से पहले ही जर्जर होने के कगार पर है। इस लेटलतीफी से समझा जा सकता है कि ब्रिज की मियाद आखिर कब तक होगी।

हर मौसम में परेशानी
जिले के विकास में एक प्रकार से खोखसा फाटक अभिशाप से कम नहीं है। क्योंकि एकबार जब फाटक बंद होता है तो 15 मिनट से आधे घंटे तक कई बार नहीं खुलता। ऐसी स्थिति में लोगों को हर मौसम में परेशान होना पड़ता है। यहां छांव तक नहीं है, जिसके चलते लोग जहां चिलचिलाती धूप के बीच पसीने से तरबतर होते फाटक खुलने का इंतजार करते हैं, तो वहीं बारिश में भीगते हुए फाटक के इधर उधर खड़े रहते हैं।

हमारे नेताओं में नहीं दम
विडंबना यह भी है कि हमारे नेताओं में भी इतना दम नहीं रह गया कि ब्रिज के साथ ही कई ज्वलंत मुद्दों को सुलझा सके। भले ही हमारी भोलीभाली जनता बड़े उम्मीद के साथ नेताओं को अपना जनप्रतिनिधि चुनती हैं, लेकिन एकबार कुर्सी में बैठने के उन्हें कुर्सी का ऐसा नशा चढ़ता है कि जनता की समस्या ही बौनी लगती है। यही वजह है कि लोगों की इस फाटक और ब्रिज की समस्या का समाधान दस सालों में भी नहीं हो सका।  

काम कब तक पूरा होगा, कह पाना मुश्किल
इस संबंध में सेतु निगम के एसडीओ रमेश वर्म का कहना है कि ओवरब्रिज का काम कब तक पूरा होगा, यह कहना मुश्किल है, लेकिन ब्रिज का काम शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। ब्रिज के उपर सड़क पर डामरीकरण और विद्युतीकरण का काम चल रहा है। जल्द ही काम पूरा होने के बाद ब्रिज को लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।
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