रक्षक ही बना भक्षक: प्रधान आरक्षक की टीप पर उठा बवाल, नशे के जाल में उलझा चांपा नगर! …

चांपा। नगर में नशे का कारोबार जहाँ दिन-ब-दिन विकराल रूप लेता जा रहा है, वहीं इस घिनौने धंधे में पुलिस की मिलीभगत सामने आना अब चौंकाने वाली बात नहीं रह गई। बीते दिनों अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कश्यप द्वारा आयोजित प्रेसवार्ता में चांपा पुलिस द्वारा पकड़े गए दो नशा तस्करों का खुलासा हुआ, लेकिन इसके पीछे की कहानी ने सबको दंग कर दिया।
प्रेसवार्ता के दौरान जब एएसपी ने प्रधान आरक्षक वीरेंद्र टंडन की ‘टीप’ का जिक्र किया, तो पत्रकारों ने सीधे सवालों की बौछार कर दी—“आख़िर हर बार टीप उसी को क्यों?” सवालों का सिलसिला थमा नहीं और पत्रकारों ने संदिग्ध गतिविधियों की परतें एक-एक कर खोलकर रख दीं। कई उदाहरणों के साथ उन्होंने बताया कि कैसे नगर में गांजा और नशीली दवाओं के पूरे नेटवर्क है।
छोटे तस्करों की गिरफ्तारी और बड़ों से सेटिंग! – इनपर आरोप है कि वह थाना प्रभारी की नज़रों में बने रहने के लिए छोटे तस्करों को पकड़ता है, और बड़े तस्करों से सांठगांठ कर उन्हें संरक्षण देता है। यह भी चर्चा में है कि हाल ही में दो आरोपियों को मोटी रकम लेकर छोड़ दिया गया। इस मामले पर जब टीआई से पूछा गया, तो उन्होंने गोलमोल जवाब देकर चुप्पी साध ली।
नगर में खुलेआम बिक रहा नशा, युवा पीढ़ी तबाही की कगार पर! – सुबह से रात तक खुलेआम बिकते गांजा और नशीली दवाओं से नगर का हर कोना जहरीली हवा में डूबा है। युवा पीढ़ी इसकी गिरफ्त में है और आए दिन नशे में धुत्त युवक किसी न किसी अपराध को अंजाम दे रहे हैं।
राजनीतिक हलकों में भी मचा है कोहराम – इस संबंध में कांग्रेस के शहर अध्यक्ष सुनील साधवानी ने कहा, “मुझे भी शिकायत मिली है। मैंने स्वयं एसडीओपी और थाना प्रभारी को इसकी जानकारी दी है। पुलिस कर्मी ही इस तरह के अनैतिक कार्यो में संलिप्त रहेंगे तो बहुत शर्म की बात है।इस पर कार्रवाई जरूरी है,यदि कार्रवाई नहीं हुई तो हमारे द्वारा बड़ा आंदोलन किया जाएगा।”
वहीं भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष संतोष थवाईत ने भी चिंता जताते हुए कहा कि “यह समस्या विकराल है, प्रधान आरक्षक की भूमिका पहले से ही संदिग्ध रही है।मैं उसे एकबार समझा चुका हूं साथ ही टीआई को भी अवगत करा चुका हूं।अगर रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे तो यह समाज के लिए घातक है।ऐसे पुलिस कर्मी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर अंकुश लगना बहुत जरूरी है। उसके बाद भी अगर यह सिलसिला जारी रहा तो पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं गृहमंत्री से लिखित में शिकायत कर कार्रवाई की मांग की जाएगी।”
अब सवाल यह है — जब रक्षक ही भक्षक बन जाए, तो आम जनता किस पर भरोसा करे? – नगर की जनता अब पूछ रही है कि क्या पुलिस की वर्दी अब अपराधियों की ढाल बन चुकी है? यदि अब भी कार्रवाई नहीं हुई, तो चांपा नगर में नशे की यह आग पूरे समाज को खाक कर देगी।