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फूड सेफ्टी मित्र बताकर व्यापारियों से फूड लाइसेंस के नाम पर खुलेआम अवैध वसूली …

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🔴 100 की जगह रजिस्ट्रेशन बनाने के नाम कर रहा 500 व लाइसेंस के लिए 2 हजार की जगह 5 हजार रुपए मांग रहे पैसे। पैसा लेने के लिए मोबाइल में व्यापारियों को भेज रहा अपना क्यूआर कोड …

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जांजगीर-चांपा। जिले के होटल और छोटे व्यापारी एक फर्जी फूड इंस्पेक्टर से परेशान हैं। एक गैंग खुद को फूड सेफ्टी मित्र बताता है। काम है दुकान संचालकों से वसूली करना। इतना ही नहीं अभी तक यह फूड सेफ्टी मित्र 50 से ज्यादा व्यापारियों को अपना शिकार बना चुका है। इसकी जानकारी खाद्य सुरक्षा अधिकारी को होने पर उच्चाधिकारियों को कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन भेजा गया है। बताया जा रहा है इसकी पूरी गैंग वसूली करने का काम कर रही है।

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महीनों से फूड सेफ्टी मित्र बनकर जिले में एक गैंग घूम रहा है। जो व्यापारियों को लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन के लिए अपना क्यूआर कोड भेज रहा है। क्यूआर कोड में नाम खूशबू नाम बता रहा है। महिला इसका पूरा खेल का मास्टरमाइंड है। जिले के बम्हनीडीह, जांजगीर, अकलतरा सहित अन्य क्षेत्र के विभिन्न गांवों में होटल और छोटे दुकानदारों से पैसा वसूलने का काम कर रहा है। ये पहले व्यापारियों से लाइसेंस बनवाने की मांग करता है। लाइसेंस नहीं होने पर उसे बनवाने के लिए कहता है। ना-नुकुर करने पर गैंग के चार से पांच युवक कार्रवाई करने का धमकी देता है। इसके बाद व्यापारी राजी हो जाते हैं। उसके बाद फूड लाइसेंस के लिए आवेदन करने की बात कहता है। ऑनलाइन आवेदन करवाता है। सालभर के अंदर जिले के कई क्षेत्र के दर्जनों गांव में छोटे-छोटे 50 से ज्यादा व्यापारियों के पास ऑनलाइन फार्म बनवा चुका है। इसमें छोटे व्यापारियों को लाइसेंस के मात्र 100 रुपए देना होता है, लेकिन ये युवक व्यापारियों से 500 रुपए की मांग करता है। इसके बाद ऑनलाइन आवेदन पूरा बन जाने के बाद सभी व्यापारियों से 500 रुपए की मांग करता है। इसके लिए बकायदा क्यूआर कोड भेज देता है। इस तरह व्यापारियों से वसूली करने का कारोबार खुलेआम चल रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि जानकारी के अभाव में व्यापारी भी इसके झांसे में आ जा रहे हैं। छोटे व्यापारी को लाइसेंस के लिए मात्र 100 देना पड़ता है। इसके बावजूद व्यापारी आसानी से इसके झांसे में आ रहे है। लाइसेंस के लिए 2 हजार की जगह 5 हजार रुपए लिया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अपर्णा आर्या को इसकी जानकारी होने पर तत्काल कार्रवाई के लिए उच्चधिकारियों को अवगत कराया गया है। प्रतिवेदन बनाकर भेजा जाएगा, इसके बाद संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।

ऑफिस या आनलाइन करें आवेदन, किसी तीसरे के झांसे में न आए – खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि छोटे व्यापारियों को लाइसेंस के लिए मात्र 100 ही देना होगा। बड़े व्यापारियों को लाइसेंस के लिए 2 हजार देना होता है। इसके लिए आवेदन खाद्य सुरक्षा ऑफिस, ऑनलाइन जाकर कर सकते हैं। इसके अलावा किसी तीसरे के झांसे में बिल्कुल नहीं आए। लाइसेंस में मोबाइल नंबर व्यापारियों का ही रहेगा, अन्य का बिल्कुल भी मोबाइल न दें। साथ ही किसी को पैसा जमा न करें

खाद्य सुरक्षा अधिकारी को भी दे रहा चकमा – खाद्य सुरक्षा अधिकारी अपर्णा आर्या को जानकारी होने के बाद क्यूआर कोड से नंबर निकालकर फोन की तो एक महिला अपना नाम खूशबू बताई। व्यापारियों से पैसा वसूलने की बात कही तो उन्होंने कहा कि हमारा हेड ऑफिस चेन्नई है। कंपनी का नाम इंडिया इडोवेंसी बताई। वहां से हम लोगों को रखा गया है। इसके बाद उसे कहा गया कि आपके पास कोई फूड सेफ्टी मित्र होने का कोई सर्टिफिकेट है तो उसे लेकर ऑफिस आने को कहा गया। लेकिन वह ऑफिस ही नहीं पहुंची। इससे स्पष्ट है कि वह फर्जी फूड सेफ्टी बनकर लोगों को ठगने का काम रही है।

इस तरह पूरे मामले का हुआ खुलासा – खाद्य सुरक्षा अधिकारी अपर्णा आर्या के पास व्यापारियों का लगातार फोन आया कि एजेंट घुम रहा है। बार-बार रिनूवल के लिए फोन लगाया जा रहा है। इसके बाद नियुक्त फूड सेफ्टी मित्र का भी फोन आया। फिर संबंधित क्यूआर कोड को व्यापारियों द्वारा भेजा गया। व्यापारियों ने फ्राड होने की आशंका से स्थानीय फूड सेफ्टी विभाग से संपर्क किया। जिस पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी अपर्णा आर्या द्वारा फोन लगाई गई। जिसमें खुलासा हुआ। निर्धारित रजिस्ट्रेशन के लिए 100 रुपए की जगह 500 तो लाइसेंस के लिए 2 हजार रुपए की जगह 5 हजार रुपए फीस ली जा रही है। इससे स्पष्ट हो गया।

फर्जी तरीके से पूरा गैंग रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस बनवाने के लिए काम कर रहा है। इसकी जानकारी होने के बाद उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया। उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद संबंधित पर रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। ऐसे लोगों से व्यापारी सावधान रहे। लाइसेंस के लिए सीधे ऑफिस से संपर्क कर सकते है – अपर्णा आर्या, खाद्य सुरक्षा अधिकारी…

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