चांपा में सट्टा कार्रवाई पर सवाल: अब तक कार्रवाई नही होना समझ से परे, ‘वसूली मास्टर’ के नाम से बदनाम हुई साइबर टीम …

जांजगीर-चांपा। चांपा में हाल ही में हुई सट्टा कार्रवाई को लेकर पुलिस विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आरोप है कि साइबर टीम ने जब्ती रकम में हेरफेर कर आरोपी पर दबाव बनाकर एक अन्य व्यक्ति का नाम लेने को मजबूर किया, फिर उसके बड़े भाई से अवैध वसूली की।जानकारी के अनुसार, चांपा में सट्टा कार्रवाई के दौरान पुलिस ने एक घर में दबिश देकर 4 लाख 30 हजार रुपये जब्त किए, लेकिन आधिकारिक रिकॉर्ड में मात्र 1 लाख 500 रुपये ही दर्शाए गए। इसके अलावा, घटना स्थल को बदलकर भालेराय मैदान दिखाया गया।
इस घटना को लेकर पूरे जिले में चर्चा तेज हो गई है। लोगों का कहना है कि जब आम नागरिकों पर पुलिस कार्रवाई करती है, तो खुद पुलिसकर्मियों की अवैध हरकतों पर भी अंकुश लगना चाहिए। पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्या जिले में कानून का राज स्थापित होगा, या फिर अवैध वसूली का यह खेल यूं ही जारी रहेगा?
चांपा सट्टा केस: वसूली मास्टर के नाम से बदनाम हुई साइबर टीम – विगत दिनों हुए सट्टा मामले में कार्रवाई को लेकर साइबर टीम की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जिले में लोग अब इस टीम को ‘वसूली मास्टर’ के नाम से पुकारने लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि साइबर टीम खुलेआम अवैध वसूली में लिप्त है, जिससे उनकी छवि लगातार धूमिल हो रही है।
साइबर टीम पर लगातार लग रहे आरोप – जिले में यह पहली बार नहीं है जब साइबर टीम पर इस तरह के आरोप लगे हैं। इससे पहले भी गुम मोबाइल वापस करने, जुआ-सट्टा कार्रवाई और अन्य मामलों में पैसे लेने की शिकायतें सामने आई हैं। लेकिन अब तक किसी भी पुलिसकर्मी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ रही है।
एसपी की कार्यशैली पर उठे सवाल – इस मामले ने जिले के पुलिस अधीक्षक की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि एसपी का अपने अधीनस्थ कर्मियों पर कोई नियंत्रण नहीं है, जिस कारण साइबर टीम बेलगाम हो चुकी है और अवैध वसूली का यह खेल बेखौफ जारी है।” अब देखना होगा कि इस गंभीर मामले में कोई कार्रवाई होती है या फिर अवैध वसूली का यह खेल यूं ही चलता रहेगा।”